[post-views]

डेवलपमेंट के लिए धरातल के मुद्दों पर ही बदलाव के उठाने होगे उचित कदम

4,555

बादशाहपुर, 17 मार्च (अजय) : गुरुग्राम नगर निगम के विकास के लिए शहरी सरकार का होना अति आवश्यक है, महापौर और पार्षदों के नेर्त्तिव में ही प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ गुरुग्राम को विकास की राह पर ले जाया जा सकता है, खासतौर से गुरुग्राम जेसी साइबर सिटी में तो बिना जनप्रतिनिधि के डेवलपमेंट होना असम्भव माना जाता है। गुरुग्राम में पार्षदों की दौड़ में काफी नाम आगे चल रहे है, जिसमे सभी जनप्रतिनिधि अपनी अपनी उम्मीदवारी की ताल ठोक रहे है।

गुरुग्राम नगर निगम का कार्यकाल समाप्त हुए काफी वक्त हो चूका है ऐसे में लोगों की समस्याओं को समझने और समस्याओं को दुरुस्त कराने के लिए कोई भी जनप्रतिनिधियों के नही होने से वार्ड में काफी काम अधूरे है। जिन्हें पूरा कराने के लिए जनता के बिच से चुने गये जनप्रतिनिधियों की निगम में जरूरत है। निवर्तमान पार्षद एवं पार्षद की तैयारी कर रहे नेताओं से बात हुई तो उन्होंने अपनी अपनी प्रतिकिया व्यक्त करते हुए खुलकर बातचीत की। पंजाब केसरी से बातचीत करते हुए कुलदीप यादव, उदयबीर अंजना, कृष्ण गुर्जर, अजीत यादव, हरिंद्र दायमा, निशांत राघव का कहना है कि जनता और अधिकारीयों के बिच अपने अपने वार्डों में विकास कार्य कराने के लिए पार्षद अहम कड़ी होते है। जनता के बिच से चुने जाने वाले पार्षद अपने अपने वार्ड की समस्याओं को निगम की होने वाली बैठक में निगम के उच्च अधिकारीयों एवं मेयर के समक्ष रखकर उन्हें प्रमुखता से उठाते है जहां कार्य नही करने वाले अधिकारीयों से जवाब तलब होता है और उनके कार्यकाल के विकास कार्यो की रिपोर्ट मांगी जाती है, जो भी अधिकारी अपने कार्यो में लापरवाही करते है सदन में उनके खिलाफ प्रस्ताव पास करके आगे की कार्यवाही की जाती है, जिसके बाद उच्च अधिकारीयों द्वारा उस पर कार्यवाही कराते हुए अन्य अधिकारीयों को जिम्मेदारी सौपते हुए तय समय में आगे के विकास कार्य बिना रुके कराने का कार्य किया जाता है, इसलिए नगर निगम क्षेत्र में पार्षदों का चुनाव कराकर सभी वार्डो की जिम्मेदारी उन्हें सौपनी चाहिए।

Comments are closed.