गुरुग्राम, 9 दिसम्बर (अजय) : शरीर में मोटापा ही स्वास्थ्य के लिए खतरनाक नही होता जितना खतरनाक शरीर में बढ़ता कोलेस्ट्रॉल नुकशान पहुंचता है उक्त विषय में जानकारी देते हुए बादशाहपुर स्थित स्वस्तिक अस्पताल की डॉ. ऋतू खिरोलिया ने बोलते हुए कही उन्होंने बताया कि कोलेस्ट्रॉल, हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण यौगिक है। कोलेस्ट्रॉल मोम जैसा एक वसीय पदार्थ होता है और यह हमारे शरीर में नई कोशिकाओं (सेल्स) के बनने, तंत्रिकाओं की सुरक्षा, और हार्मोन्स का उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। आम तौर पर, हमारा लिवर (जिगर) उतनी मात्रा में कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कर लेता है, जितनी मात्रा में हमारे शरीर को जरुरत होती है। लेकिन, लिवर द्वारा बनाए कोलेस्ट्रॉल के अलावा, भी जब हम अधिक मात्रा में आहार से कोलेस्ट्रॉल लेने लगते हैं, तो इसकी मात्रा हमारे शरीर में बढ़ने लगती है।
कोलेस्ट्रॉल की मात्रा जब हमारे रक्त में पहुंचती रहती है, तो वह रक्त वाहिकाओं में चिपकती रहती है और धीरे-धीरे रक्त वाहिका को ब्लॉक करने लगती है। जब रक्त वाहिका पूरी तरह रुक जाती है तो इससे हृदय समेत पूरे शरीर में रक्त प्रवाह में कमी आने लगती है। यदि कोलेस्ट्रॉल बढ़ता चला जाए और वह इतनी मात्रा में बढ़ जाए कि हृदय तक रक्त का प्रवाह ही रुक जाए तो व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है। इसलिए हमें शुरुआत से ही, कोलेस्ट्रॉल बनाने वाली चीजों को नपी तुली मात्रा में लेना चाहिए।
सामान्य और स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल- हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का सामान्य स्तर 200 एम.जी और इससे कम होना चाहिए और यह एक स्वस्थ कोलेस्ट्रॉल है। बॉर्डरलाइन कोलेस्ट्रॉल- यदि यह मात्रा 200 से ऊपर और 239 एम.जी तक हो तो इसे बॉर्डरलाइन कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में रखा जाता है। हाई कोलेस्ट्रॉल- यदि कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 239 एम.जी. से ऊपर चली जाती है, यानी यदि यह 240 एम.जी भी है, तो समझ लीजिये कि आपका कोलेस्ट्रॉल सामान्य से बहुत आगे निकल चुका है।
Comments are closed.