PBK News : मुख्यमंत्री के शनिवार को हुए गुरुग्राम दौरे के तौर तरीके पर कड़ी आपत्ति जता चुके विधायक उमेश अग्रवाल के तेवर रविवार को नरम होते दिखाई नहीं दिए। उनका कहना है कि अधिकारियों के बहकावे में आकर जब तक गुरुग्राम के विकास और यहां के निवासियों को सुविधाओं से महरूम रखा जाएगा, वे अपनी आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वह गुरुग्राम के जन प्रतिनिधि के नाते यहां के निवासियों की सुविधाओं से जुड़े मुददों पर मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।
विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के शनिवार को हुए गरुग्राम दौरे के तौर तरीके पर उनका एतराज अकारण नहीं है। अधिकारी शनिवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री की आंखों पर पट्टी बांधे रखने में कामयाब हो गये। इन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को विकास की जिन परियोजनाओं, इफ्को चैक, राजीव चैक, सिग्नेचर चैक पर बन रहे फ्लाईओवर, हीरो होंडा चैक, बसई के पास रेलवे चैक पर बन रहे फ्लाईओवर को डबल करना और द्वारका एक्सप्रेस वे का दौरा कराकर विकास की तस्वीर दिखा दी जबकि ये सभी परियोजनाएं केंद्र सरकार की हैं।
विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि गुरुग्राम के लोगों की प्रमुख जरूरतों, जिनकी घोषणाएं भी हो चुकी हैं उनका जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के कांकरौला में यूनिवर्सिटी की दो बार घोषणा हो चुकी है पर धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। गुरुग्राम के तीनों कालेजों में हरियाणा में सबसे अधिक छात्र संख्या है। यहां के सेक्टर 43 में कालेज की घोषणा हुए एक साल से ज्यादा हो चुका है लेकिन आज तक घोषणा हवा में अटकी हुई है। वजीराबाद गांव में बनने वाला स्टेडियम भी अस्तित्व में आने की बाट जोह रहा है।
उमेश अग्रवाल ने कहा कि गुरुग्राम का बस अड्डा कंडम घोषित हुए लंबा अरसा हो चुका है। इसे पीपीपी माडल पर बनाने की घोषणा भी हो चुकी है लेकिन बात घोषणा से आगे नहीं बढी है जबकि इस दौरान करनाल में दो बस अड्डे बन चुके हैं। विधायक ने हैरानी और नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले गुरुग्राम के लोगों के साथ इससे भद्दा मजाक क्या होगा कि धूप-बारिश से बचकर खड़े होने के लिए सरकार उनके लिए एक बस अड्डा तक नहीं बनवा रही है। प्राईवेट कालोनियों डीएलएफ, सुशांत लोक, आरडी सिटी, मेफील्ड गार्डन व साउथ सिटी आदि को नगर निगम में शामिल करने का आश्वासन दिये भी दो साल होने को है लेकिन इन कालोनियों के लोगों की कालोनाइजर के रहमोकरम पर छोड़ दिया गया है। जीएमडीए के गठन पर भी आए दिन नई तारीख तय कर दी जा रही है। पहले हरियाणा दिवस पर, फिर विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्ताव लाने, बाद में 31 मार्च से पहले अध्यादेश लाने और अब अगले विधान सभा सत्र की घोषणा की। बार बार की घोषणाओं से लोगों का सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा करना स्वभाविक है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल हीरो होंडा चैक पर मुख्यमंत्री के इस बयान से भी लोगों को भारी निराशा हुई कि इस साल भी यहां बरसाती पानी का भराव हो सकता है। इस मुददे पर अधिकारियों का स्पष्टीकरण लेने की बजाय ऐसे बयान से लोगों में हताशा व निराशा बढी है। श्री अग्रवाल ने कहा कि पुराने शहर को मेट्रो से जोड़ने को लेकर भी लोगों को केवल लालीपाप थमाया जा रहा है। सरकार के गठने के बाद से पुराने शहर को मेट्रो से जोड़ने की बात कहा जा रही है लेकिन बात बयानों से आगे नहीं बढ पाई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को शहर की टैªफिक व्यवस्था, पेयजल समस्या और शहर की सफाई आदि पर अफसरों से रिपोर्ट, उनकी कार्य योजना और इन योजनाओं के लंबित चले आने पर स्पष्टीकरण मांगना चाहिए था।
श्री उमेश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री जब तक अधिकारियों के चंगुल से बाहर नहीं निकलेंगे तब तक ये अधिकारी उन्हें गुमराह करने में कामयाब होते रहेंगे और आम जनता समस्याओं से जूझती रहेगी। विधायक ने कहा कि इस दौर में जनप्रतिनिधि को साथ लिया जाता तो वे न केवल उन्हें वस्तु स्थिति से अवगत कराते बल्कि कथित विकास के नाम पर किये जा रहे घोटालों से भी पर्दा हटा देते।
गुरुग्राम के विधायक ने कहा कि विकास योजनओं की आड़ में मोटी रकम डकारने और होर्डिंग घोटाले पर कुंडली मारे बैठे नगर निगम अफसर तो कभी नहीं चाहेंगे कि सरकार अथवा मुख्यमंत्री को उनकी करतूतों की भनक भी लग पाए। उन्होंने कहा कि इनके अलावा भी ऐसे ढेरों मुद्दे हैं जिन पर न केवल चर्चा होनी चाहिए बल्कि जनता को भी जवाब देना चाहिए कि जनहित के मुद्दों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के लोगों की जब तक इस प्रकार उपेक्षा होती रहेगी, वे आवाज उठाते रहेंगे।
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