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गुरुग्राम में 30 वर्ष पुराने प्राचीन हनुमान मन्दिर ध्वस्त करने पर लोगों में रोष

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गुरूग्राम:- हीरोहौंडा चौक स्धित निजी जमीन पर पिछले 30 वर्षो से बने हनुमान मन्दिर को कुछ लोगो ने अपने को सरकारी कर्मचारी बता जेसीबी चलाकर ध्वस्त कर दिया और सात लाख रूपये से ऊपर की नगदी , आभूषण इत्यादि को लूट लिया गया। उक्त घटना से सभी हिन्दू संगठनो मे गहरा रोष है , विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधी ने पुलिस आयुक्त से मिलकर रोष जताया है और कड़े आन्दोलन की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि हिरो होण्ड़ा चौक स्धित निजी जमीन पर पिछले 30 वर्षो से हनुमान मन्दिर बना हुआ है जिसके प्रमाण भी है और व्यवस्था हेतु पुजारी मौजूद है। मई 1989 से मन्दिर मे पूजा अर्चना की जा रही थी । जहां एक और 12 मई को समूचे हरियाणा मे सभी सरकारी और निजी संस्थानो मे अवकाश था और नई सरकार हेतु जनादेश हेतु पूरा प्रदेश व्यस्त था । राञि लगभग 9:15 बजे कुछ लोग एक गाड़ी नम्बर. HR26 DL 7464 मे पहुंचे और मन्दिर मे लूटपाट कर लगभग 7 लाख रूपये की नगदी और अन्य सामान ले गऐ। वह जाते जाते अपनी साथ लाई जेसीबी मशीन से मन्दिर का लैन्टर. भी ध्वस्त करके मन्दिर को तोड़ दिया। आज सुबह मन्दिर के पुजारी और जमीन के मालिको ने उक्त घटना की जानकारी हिन्दु संगठनो को दी, जिससे उनमे गहरा रोष व्याप्त हो गया और वह मौके पर पंहुचे।
जिला बार संघ के पूर्व अध्यक्ष एवम हिन्दू नेता कुलभूषण भारद्वाज , अखिल भारतीय हिन्दू क्रान्ति दल के राष्ट्रीय प्रभारी राजीव मित्तल, हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष चेतन शर्मा, प्रवीण सैनी बजरंग दल के जिला संयोजक अभिषेक गौड़, शिव सेना जिला प्रमुख गौतम सैनी समेत विभिन्न हिन्दू संगठनो से जुड़े अमित हिन्दू, मनजीत कटारिया, पप्पू शर्मा , सतपाल , ब्रजेश कुमार आदि नेता अपने कार्यकर्ताओ के साथ वहा पहुचे और कड़े शब्दो मे इस घटना की भ्रत्सना की।
सभी ने संतुक्त स्वर में कहा कि अगर दोषीयो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही न हुई तो बड़ा निर्णय. लेकर शहर बन्द जैसे निर्णय. से भी पीछे नही हटा जाऐगा। वहा से एकञ होकर विभिन्न संगठनो के प्रतिनिधी पुलिस आयुक्त कार्यालय पहुंचे और आयुक्त महोदय से मिलकर रोष जताया है और कार्यलाही न किऐ जाने पर कड़े आन्दोलन की चेतावनी दी है। पुजारीयो ने कल मंगलवार को सांय मन्दिर पर खुले प्रांगण मे महाआरती का आहवान किया है। विभिन्न हिन्दू संगठनो के प्रतिनिधियो के साथ योगदत्त शर्मा, प्रविन्दर भारद्वाज, चिन्तामणी, पण्ड़ित सुधीरराज शास्ञी , सतपाल खाण्ड़सा आदि उपस्थित रहे।

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