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गुरुग्राम में डॉक्टर्स की बड़ी लापरवाही फिर हुई ऑटो में डिलीवरी

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गुरुग्राम (अजय): गुरुग्राम में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल यहां पहुंचने वाले मरीजों के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है….दरअसल कल दोपहर दो बजे एक गर्भवती महिला सरकार अस्पताल पहुंची थी प्रसव पीड़ा के चलते लेकिन प्रसूति वार्ड में तैनात नर्स ने बगैर कुछ जांचे परखे गर्भवती महिला को जबरन सरकारी अस्पताल से यह कह कर भगा दिया कि अभी तुम्हार डिलीवरी में काफी वक्त है…..और इसी लापरवाही के चलते घर जाते वक्त ऑटो में ही असुरक्षित डिलीवरी होने से बच्चे और प्रसूता की जान पर बन गयी…..परिजनों ने आननफानन में दोनों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहाँ काफी मशक्कत के बाद दोनों को सुरक्षित बचा लिया गया……बहरहाल मामले की शिकायत चीफ मेडिकल अधिकारी को लिखित तौर पर दी गयी है….वही इस मामले में पीड़िता की माने तो जब कल दोपहर को सरकारी अस्पताल में पहुंचे तो दर्द से तड़प रही थी लेकिन इसके बादजूद न डॉक्टर्स को प्रसूता पर तरस आया और न ही नर्स को …..पीड़िता की माने तो कल उंसके सामने एक बार तो मौत सामने खड़ी थी जब ऑटो में ही बच्चे का सर बाहर आ गया ……
दरअसल बीते 18 दिन से एनएचएम कर्मचारियों की अपनी मांगों को लेकर हड़ताल बदस्तूर जारी है…तकरीबन 7 हज़ार से ज्यादा कर्मचारी जिनमे नर्स,लेब तकनीशियन,डॉक्टर्स,शामिल हड़ताल पर है और इसी हड़ताल में चलते यहां पहुंच रहे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना हर रोज करना पड़ रहा है…..वही कल हुई बडी डॉक्टरी और नर्स की लापरवाही की शिकायत परिजनों ने लिखित तौर पर जिला के चीफ मेडिकल अधिकारी को दी है जिसमे लापरवाह डॉक्टर और नर्स के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बात कही गयी है…..वही इस मामले में डॉक्टर पंकज अग्रवाल की माने तो पूरे मामले की जांच को जा रही है और जांच में दोषी पाए जाने पर किसीं को बख्शा नही जाएगा….वही राजेन्द्र पार्क के अस्पताल की डॉक्टर मोनिका की माने तो कल जब यह महिला यहां पहुंची यो स्थिति काफी गंभीर थी काफी मशक्कत के बाद माँ और बच्चे को सुरक्षित बचाया जा सका…..
आपको बता दें कि सरकारी अस्पताल में यह लापरवाही का पहला मामला नही है इससे पहले भी कभी अस्पताल के टॉयलेट में डिलीवरी होती है तो कभी अस्पताल के डॉक्टर्स की लापरवाही के चलते अस्पताल के गेट पर डिलीवरी होती है .. ….और अधिकारी ने लेकर मंत्री तक जांच की बात तो कहते है लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर मामले के ठंडा होने के बाद ठंडे बस्ते में डाल फाइल बन्द काट दी जाती है।

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