चंडीगढ़/बादशाहपुर, 21 सितम्बर (अजय) : हरियाणा में विधानसभा चुनाव-2019 का बिगुल बज गया है। हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा तथा 24 अक्टूबर को परिणाम घोषित होंगे। वहीं 27 सितम्बर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। जो चार अक्टूबर तक चलेगी। नामांकन में शामिल होने वाले प्रत्याशी 7 अक्टूबर तक अपने नामांकन को वापस ले सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि हरियाणा की 90 विधानसभाओं सीटों पर 1.28 करोड़ मतदाता अपने अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। हरियाणा चुनाव आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दोपहर तीन बजे पीसी कर इसके बारे में विस्तार से बतायेंगे।
केन्द्रीय चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को नई दिल्ली में हरियाणा व महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा की है। केन्द्रीय चुनाव आयुक्त के द्वारा चुनाव के तिथियों की घोषणा करने साथ ही इन दोनों राज्यों में आचार संहिता लागू हो गयी है। केन्द्रीय चुनाव आयुक्त ने विधानसभा चुनाव-2019 की तिथियों की घोषणा करते हुए बताया कि हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा। इसके पहले 27 सितम्बर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी जो 4 अक्टूबर तक चलेगी। नामांकन के बाद नामांकन पत्रों की जांच होगी। 5 अक्टूबर को सभी प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों की सूक्ष्मता के साथ जांच की जायेगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि अगर कोई प्रत्याशी अपने नामांकन पत्र को वापस लेना चाहता है, तो ऐसे प्रत्याशी 7 अक्टूबर तक अपने नामांकन पत्र को वापस ले सकते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त की अपील, प्लास्टिक के प्रचार सामग्री से करें परहेज
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सभी राजनीतिक दलों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपील की है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के दौरान प्लास्टिक के प्रचार सामग्री से परहेज करें। ऐसा करके राजनीतिक दल व प्रत्याशी पर्यावरण को संरक्षित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
हरियाणा में तीन बजे होगी पीसी
हरियाणा चुनाव आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनुराग अग्रवाल दोपहर तीन बजे चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में पत्रकारों से बात करेंगे। इस पत्रकारवार्ता में विधानसभा चुनाव-2019 को लेकर मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा विस्तार से बताया जायेगा।
हरियाणा में दलीय स्थिति
हरियाणा में वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हरियाणा विधानसभा चुनाव-2014 में भारतीय जनता पार्टी ने 47 सीटों पर विजय प्राप्त करके पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी थी। हरियाणा विधानसभा चुनाव-2014 में इनेलो को 19 तथा कांग्रेस को 15 सीटें प्राप्त हुई थी। लेकिन जैसे-जैसे मनोहर सरकार का कार्यकाल बढ़ता गया। वैसे-वैसे विपक्षी दलों का आंकड़ा कम होता गया। मनोहर राज की नीतियां विपक्षी विधायकों को कुछ ऐसी रास आयीं कि मुख्य विपक्षी पार्टी इनेलो के पास मात्र तीन विधायक ही बचे हैं। इनेलो के एक दर्जन विधायकों ने मनोहर संदेश देने में ही अपनी राजनीतिक भलाई समझी। यही नहीं मनोहर सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर लगभग आधा दर्जन निर्दलीय विधायकों ने भी कमल का दामन थाम लिया है। वर्तमान समय में कांग्रेस के 15 तथा इनेलो के 3 विधायकों को छोड़कर सभी मनोहर संदेश दे रहे हैं।
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