बादशाहपुर, 11 अगस्त (अजय) : सोने से बने आभूषण के लिए देश-विदेश में विख्यात गुरुग्राम की एक अलग पहचान है, लेकिन इन दिनों सोने की बढ़ती कीमतों के कारण बाजार सुस्त है । पिछले कुछ समय में लगातार ही सोने और चांदी के दामों में बढ़ोत्तरी होती आ रही थी, जिससे व्यापारीयों के चेहरों पर मायूसी छा गई है । जवाहरात व्यवसायियों को 15 अगस्त के बाद बाजार में तेजी आने की उम्मीद है।
गुरुग्राम के सोहना रोड ज्वैलरी व्यापारी मोहित मंगला एवं हरियाणा ज्वैलर्स के मालिक तरुण मंगला के अनुसार सोने की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने के आभूषण की बिक्री कम हुई है। मोहित ने बताया कि भारत सोने की सबसे ज्यादा खपत वाले देशों में से एक है। जिसमे गुरुग्राम भी सबसे अधिक सोने खरीदने वाला शहर है। पारंपरिक रूप से देश में सोने की ज्यादातर खपत आभूषणों की है। यही कारण है कि त्योहारी सीजन और शादी-ब्याह के मौसम में देश में सोने के दाम बढ़ जाते हैं। तमाम ऐसी बातें है जो इसके दाम को चढ़ाती और गिराती हैं। भारत में सोने की मांग काफी कुछ संस्कृति, परंपरा, सौंदर्य और वित्तीय सुरक्षा से जुड़ी है। भारतीय सोने को निवेश और साज-सज्जा की वस्तु दोनों के रूप में देखते हैं । जब उनसे पूछा गया कि वे सोना क्यों खरीदते हैं, तो लगभग 77 फीसदी ने कहा कि यह सुरक्षित निवेश का विकल्प है। इसके उलट केवल 50 फीसदी से कुछ ज्यादा लोगों ने माना कि वे इसे साज-सज्जा की वस्तु के रूप में देखते हैं।
सोने के विशेषज्ञ मोहित मंगला का मानना है कि निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखते हैं। अस्थिरता और अनिश्चितता से खुद को बचाने के लिए लोग इस पीली धातु को खरीदते हैं। जब दूसरी संपत्तियां अपना मूल्य खोने लगती हैं, सोना इस गिरावट से बचा रहता है। भारतीयों में सोने का आकर्षण हमेशा से रहा है। समय अच्छा हो या बुरा लोग इस चमकीली धातु का मोह नहीं छोड़ पाते। अर्थव्यवस्था दौड़ी या मंद हुर्इ, निवेशकों ने सोने में खरीद जारी रखी।
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