गुड़गांव (अजय) : हार्ट सम्बंधित समस्याओं को लेकर अक्सर लोग आम तौर पर चितित रहते है वही लोग यदि कुछ क्रियाय नियमित करे और डॉक्टरों की सलाह ले तो हम अपने ह्रदय को स्वस्थ रख सकते है उक्त बातें बादशाहपुर स्थिति सेफ हेंड्स अस्पताल के डॉ. मोहित लाठर ने बोलते हुए कही उन्होंने कहा कि ब्लड डोनेट करने से न केवल दूसरों की जान बचाई जाती है, बल्कि यह ब्लड डोनेट करने वाले के लिए भी फायदेमंद होता है। ब्लड डोनेशन करने के बाद बॉडी में नया खून बनना शुरू हो जाता है, जिससे शरीर हेल्दी रहता है और इससे हार्ट संबधी बीमारियां होने के चांस कम होते हैं
आयरन लेवल ठीक रहता है : ब्लड डोनेशन करने से शरीर आयरन लेवल ठीक रहता है। इसके अलावा इससे दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। यह वक्त से पहले एजिंग होने, स्ट्रोक आने और हार्ट अटैक की समस्या से बचाता है।
हेल्दी लिवर, कैंसर का जोखिम कम ब्लड डोनेट करने से लिवर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। लिवर का कार्य आयरन मेटाबॉलिज्म पर निर्भर होता है और ब्लड डोनेशन से आयरन की मात्रा सही रहती है, जिससे लिवर डैमेज होने से बच सकता है। अगर शरीर में आयरन की मात्रा अधिक हो तो लिवर टिशू का ऑक्सिडेशन होता है, जिसके कारण लिवर डैमेज हो सकता है जो बाद में कैंसर बन सकता है। ब्लड डोनेट करने से लिवर कैंसर का खतरा कम होता है।
घटती है 650 से 700 कैलरीज : एक बार ब्लड डोनेट करने से 650-700 किलो कैलरी घटाई जा सकती है, जिससे वजन भी कम होगा। लेकिन ब्लड डोनेट 3 महीने में एक बार ही करना चाहिए।
हॉर्मोंस का रिसाव : ब्लड डोनेशन करने से इंसान को दिल से खुशी महसूस होती है। इसलिए इंसान को खुश होने के लिए इससे बड़ा कोई विकल्प नहीं है। अगर किसी को ब्लड देने से किसी की जान बचती है तो इससे मन को खुशी और संतुष्टि का भाव मिलता है, जिससे ऐसे हॉर्मोंस का रिसाव होता है जो आपको स्ट्रेस और डिप्रेशन से बचाए रखता है।
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