PBK NEWS | चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पंचकूला में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद हुई हिंसा के आरोपियों के अभी तक नहीं पकड़े जाने पर नाराज है। हाई कोर्ट ने एसआइटी (स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम) को कड़ी फटकार लगाई है।
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एजी मसीह और जस्टिस अवनीश झिंगन की फुल बेंच ने कहा कि हिंसा करने वाले कोई हार्ड क्रिमिनल नही थे, फिर भी पुलिस अब तक उनको पकड़ नही पाई। घटना को दो माह से ज्यादा समय हो चुका है। ऐसे में एसआइटी प्रमुख इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करे।
उधर, डेरे की आय और मनी लांड्रिेंग के आरोपों पर केंद्र सरकार के एडीशनल सॉलिसिटर जनरल सतपाल जैन ने कोर्ट से समय की मांग की गई। उन्होंने कहा कि मामले की अगली सुनवाई पर रिपोर्ट दे दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए फुल बेंच ने हरियाणा सरकार को कहा कि सिरसा स्थित डेरे को समय समय पर राज्य सरकारें निर्माण व दूसरी तमाम सुविधाओं के लिए सहयोग करती रही हैं। ऐसे में राज्य सरकार बताए कि क्या डेरे में कोर्ट कमिश्नर की इंस्पेक्शन से पहले कोई चल संपत्ति रिमूव की गई।कुर्बानी जत्थे को लेकर भी हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है कि क्या इस तरह का कोई गैंग है और उसने कोई धमकी दी या नहीं। फुल बेंच ने स्पष्ट किया कि वे सबसे पहले हिंसा की जिम्मेदारी तय करने पर सुनवाई करना चाहते हैं और इसी मसले को लेकर अगली सुनवाई की जाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट कमिश्नर अनिल कुमार पंवार ने 17 डेरों की सिरसा स्थित डेरे से अलग किए जाने के मामले पर 1039 पृष्ठों की सप्लीमेंटरी रिपोर्ट दी। साथ ही चार हजार से ज्यादा पन्नों की रिपोर्ट डेरे की सेनेटाइजेशन पर दी।
पहले दोषियों की पहचान, फिर रिकवरी होगी
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पहले हिंसा व तोड़-फोड़ के दोषियों की पहचान की जाएगी और उसके बाद उनसे रिकवरी की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। हाई कोर्ट ने कहा कि इस मामले में बहुत से मुद्दे हैं। सबसे पहला और अहम मुद्दा हिंसा के लिए जिम्मेदार कौन है और किससे नुकसान की भरपाई हो है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए अगली सुनवाई से बहस आरंभ हो जाएगी।
News Source:- www.jagran.com
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