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जेहाद के नाम पर बेकसूर सैनिकों और लोगों की हत्या नही सहेगी हिन्दू सेना

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बादशाहपुर 29 मार्च (अजय) : देश में पुलवामा जेसी घटना सहित अन्य आतंकी घटनाओं का हवाला देते हुए हिन्दू सेना एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत यादव ने दुःख और रोष जताते हुए कहा कि भारत देश में अब बेकसूर सैनिकों तथा लोगों की हत्या को हिन्दू सेना नही सहेगी। आतंकी घटनाओं ने देश की हजारों माँ के लालों को छीन लिया तो वही देश के हजारों वीर जवानों को शहीद कर दिया, जिसे याद करके देश के लोगों की आँखें नम हो जाती है।

हिन्दू सेना ने आतंकी घटनाओं का विवरण कर जताया दुःख :

हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरजीत यादव ने कहा कि भारत के अलग-अलग हिस्सों में हुए समझौते और हमले करके मारे गए घायल लोगों को हिन्दू सेना सबसे पहले श्रद्धांजलि अर्पित करती है। यादव ने कहा कि जेहाद के नाम पर विभिन्न जगहों पर सैनिकों व लोगों का नरसंहार किया गया है। थर्मल कश्मीर में 14 फरवरी 2019 में आतंकी घटना में 40 सैनिक शहीद हो गये। वही पठानकोट में हमले के दौरान 2 जनवरी 2016 को 7 सैनिक शहीद हो गये। जम्मू कश्मीर में 1990 के दौरान 1300 लोग आतंकी घटनाओं का शिकार हुए। मंडाई त्रिपुरा दिसम्बर 1980 में 500 लोग शहीद हुए तो वनधामा कश्मीर 25 जनवरी 1998 में 23 लोग आतंकी घटनाओं में अपने प्राण न्योछावर कर दिए। 1998 की बात करें तो 17 मार्च को प्राणकोट कश्मीर में 26 लोग शहीद हो गये। छपनारी कश्मीर व्यास में जून 1998 में 25 लोग आतंकी घटनाओं में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। चम्बा हिमाचल प्रदेश में 3 अगस्त 1998 में 35 लोग आतंकी घटनाओं में शहीद हुए। अमरनाथ यात्रा कश्मीर में 1 अगस्त 2000 में 30 लोगों को आतंकियों ने निशान बनाया। किश्तवाड़ कश्मीर में 3 अगस्त 2001 में 19 लोग आतंकियों के हमले में शहीद हो गये। गोधरा में 27 फरवरी 2002 में 59 लोग शहीद हुए। रघुनाथ मन्दिर आक्रमण 30 फरवरी 2002 में 20 लोग शहीद, कासिम नगर कश्मीर 13 अगस्त 2002 में 29 लोग आतंकी घटनाओं में इस दुनिया को छोड़ गये। अक्षरधाम मंदिर गुजरात में 24 सितम्बर 2002 में 30 लोग आतंकी घटनाओं में अपनी जान गवा दी। रघुनाथ मन्दिर कश्मीर 24 सितम्बर 2002 में 14 लोग आतंकी घटना में मर गये। नदीमार्ग कश्मीर 23 फरवरी 2002 में 24 लोग शहीद हुए। कालुचक कश्मीर 14 मई 2002 में 31 लोग आतंकी घटनाओं के शिकार हुए।

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