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अंतरिक्ष में भारतीयों के साहस उपग्रहों को स्थापित किया : सुनील त्यागी

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गुड़गांव, 13 जनवरी (अजय) : सबसे पहले उपग्रह काटरेसेट-2 एफ को ध्रुवीय रॉकेट ने लिफ्ट ऑफ से 17 मिनट बाद 505 किलोमीटर की ऊंचाई वाली ध्रुवीय कक्षा में स्थापित किया। फिर शनै:-शनै: 28 विदेशी उपग्रहों को उनकी ध्रुवीय कक्षाओं में स्थापित किया। इस उड़ान में खास बात यह थी कि हमारे तीसरे उपग्रह माइक्रोसैट को 359 किलोमीटर की ऊंचाई वाली निचली कक्षा में स्थापित करना था। यह उपक्रम करने के लिए ध्रुवीय रॉकेट के चौथे चरण के इंजन को तीन बार पुन: प्रज्ज्वलित करना पड़ा ताकि उसकी गति कम हो जाए और वह 359 किलोमीटर के निम्न उन्नतांश पर आ जाए। अंतत: यह मिशन दो घंटे इक्कीस मिनट बाद समाप्त हुआ।

2018 की शुरूआत में ही देश के अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों ने देशवासियों को गर्व करने का एक अवसर प्रदान कर दिया है. आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपना 100वां सैटेलाईट लांच किया है. पीएसएलवी सी-फोर्टी  अपने साथ सबसे भारी कार्टोसैट 2 सीरीज के उपग्रह के अलावा 30 दूसरी सैटलाइट भी अंतरिक्ष में ले गया है इस बार इसरो ने एक साथ 31 सैटेलाईट लांच किये जिनमें 28 विदेशी ग्राहकों के है. इसरो के वैज्ञानिक एएस किरण ने बताया कि पिछले पीएसएलवी लॉन्च के दौरान हमें समस्याएं हुईं थी और आज जो हुआ है उससे यह साबित होता है कि समस्या को ठीक से देखा गया और उसमें सुधार किया गया. देश को इस नए साल का उपहार देने के लिए शुभकामनाएं

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