नई दिल्ली, 5अक्टूबर। भारतीय जीवन बीमा निगम को तीन आकलन वर्षों के लिए इनकम टैक्स विभाग से 84 करोड़ रुपये जुर्माने का नोटिस मिला है. कंपनी ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उसने इस आदेश के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है.
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में एलआईसी (LIC) ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने आकलन वर्ष 2012-13 के लिए उस पर 12.61 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं आकलन वर्ष 2018-19 के लिए 33.82 करोड़ रुपये और 2019-20 के लिए 37.58 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी पर यह जुर्माना इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 271 (1) (सी) और 270ए के तहत लगाया गया है. इनकम टैक्स विभाग ने एलआईसी (LIC) को यह नोटिस 29 सितंबर, 2023 को भेजा है.
एलआईसी (LIC) का गठन 1956 में पांच करोड़ रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ किया गया था. मार्च, 2023 के अंत तक एलआईसी (LIC) का संपत्ति आधार 45.50 लाख करोड़ रुपये और लाइफ फंड 40.81 लाख करोड़ रुपये था.
यह पेनाल्टी सरकार द्वारा प्रदान की गई पूंजी से आय से संबंधित था, जिसे टैक्सेबल इनकम नहीं माना जाता था, और धारा 80G के तहत कटौती का दावा किया गया था, जिसका दावा आयकर अधिनियम, 1961 की पहली अनुसूची के नियम 2 के साथ पढ़ी गई धारा 44 के तहत इनकम की कैलकुलेशन करते समय किया गया था.
कंपनी ने एक फाइलिंग में बताया कि जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि से पहले ICICI Lombard को 27 सितंबर को 17,28,86,10,803 रुपये (1,728 करोड़ रुपये से अधिक) की कर मांग पर जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) से कारण बताओ नोटिस मिला था. कारण बताओ नोटिस “सह-बीमा लेनदेन के मामले में फॉलोअर के रूप में स्वीकार किए गए सह-बीमा प्रीमियम पर GST का पेमेंट न करने और अलग-अलग भारतीय और विदेशी रीइंश्योरेंस कंपनियों को सौंपे गए रीइंश्योरेंस प्रीमियम पर स्वीकार किए गए रीइंश्योरेंस कमीशन पर जीएसटी का पेमेंट न करने से संबंधित है.
बजाज अलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी को भी लगभग 1,010.06 करोड़ रुपये की कर मांग पर 29 सितंबर को डीजीजीआई से कारण बताओ सह मांग नोटिस मिला.
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