PBK NEWS | नई दिल्ली । सिक्किम क्षेत्र में डोकलाम के मुद्दे पर चीन के साथ 2 महीने से भी लंबे समय तक जारी गतिरोध अब समाप्त होने जा रहा है। भारत और चीन दोनों देश डोकलाम से अपनी सेना हटाने को तैयार हो गए हैं। कूटनीतिक और रणनीतिक तौर पर इसे भारत की जीत माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
MEA Press Statement on Doklam Disengagement Understanding pic.twitter.com/fVo4N0eaf8
— Arindam Bagchi (@MEAIndia) August 28, 2017
विदेश मंत्रालय ने कहा कि हाल के हफ्तों में भारत और चीन ने डोकलाम पर डिप्लोमैटिक बातचीत की है। इस दौरान हमने अपने विचार, चिंताएं भी सामने रखी हैं। भारत इस मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने के पक्ष में था, जबकि दूसरी तरफ चीन भारत को लगातार युद्ध की धमकी दे रहा था। अंत में भारत चीन को अपना पक्ष समझाने में कामयाब रहा।
कैसे शुरू हुआ था डोकलाम विवाद
- डोकलाम विवाद का मुख्य कारण उसकी अवस्थिति है। यह एक ट्राई-जंक्शन है, जहाँ भारत, चीन और भूटान कि सीमा मिलती है।
- डोकलाम में एक सड़क निर्माण को लेकर भारतीय सशस्त्र बलों और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के बीच जारी सैन्य सीमा गतिरोध को संदर्भित करता है।
- 18 जून, 2017 को इस गतिरोध की शुरुआत हुई, जब करीब 300 से 270 भारतीय सैनिक दो बुलडोज़र्स के साथ भारत-चीन सीमा पार कर पीएलए को डोकलाम में सड़क बनाने से रोक दिया।
- 9 अगस्त, 2017 को, चीन ने दावा किया कि केवल 53 भारतीय सैनिक और एक बुलडोजर अभी भी डोकलाम में हैं।
- जबकि भारत ने इस दावे को नकारते हुये कहा था कि उसके अभी भी वहाँ करीब 300-350 सैनिक उपस्थित हैं।
- भौगोलिक रूप से डोकलाम भारत चीन और भूटान बार्डर के तिराहे पर स्थित है। जिसकी भारत के नाथुला पास से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी है। चुंबी घाटी में स्थित डोकलाम का महत्व भारत और चीन दोनों देशों के लिए बराबर माना जाता है।
- 1988 और 1998 में चीन और भूटान के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश डोकलाम क्षेत्र में शांति बनाए रखने की दिशा में काम करेंगे।
- वर्ष 2007 में इस मुद्दे पर एक नई दोस्ताना संधि हुई, जिसमें भूटान के भारत से निर्देश लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया और यह वैकल्पिक हो गया।
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