PBK NEWS | नई दिल्ली । एक चौका देने वाले फैसले में इजरायली फर्म से टैंक रोधी मिसाइलें खरीदने का सौदा भारत ने रद कर दिया है। विदेशी कंपनी इससे जुड़ी तकनीक स्थानांतरित करने में आनाकानी कर रही थी, जिसके चलते इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतान्यूह की भारत यात्रा से ठीक पहले ऐसा निर्णय लेना पड़ा।
भारत के कल्याणी ग्रुप के साथ इजरायल के राफेल एडवांस डिफेंस सिस्टम ने पचास करोड़ डॉलर (लगभग 3250 करोड़ रुपये) की लागत का एक समझौता किया था। इसके तहत स्पाइक टैंक रोधी मिसाइलें खरीदी जानी थीं तो हैदराबाद में 70 करोड़ की लागत से एक कारखाना बनाया जाना था। माना जा रहा था कि इजरायली फर्म समझौते का पालन करेगी और कारखाने के लिए अगस्त से काम शुरू हो जाएगा, लेकिन मेक इन इंडिया के तहत प्रावधान किया गया है कि विदेशी फर्म हथियार से जुड़ी पूरी तकनीक भारत को देगी।
इजरायली फर्म ने इस शर्त पर खरा उतरने में असमर्थता जताई। खास बात है कि डीआरडीओ ने आगे बढ़कर सरकार को विश्वास दिलाया है कि वह चार साल में ऐसी मिसाइलें विकसित कर लेगा। येरूशलम से राफेल के प्रवक्ता इशे डेविड ने बताया कि उन्हें समझौता रद होने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उधर, रक्षा मंत्रालय ने भी इस मसले पर बोलने से इन्कार किया है। स्पाइक मिसाइलें विश्व के 26 देशों की सेनाएं इस्तेमाल कर रही हैं। भारत ने इन्हें खरीदने का फैसला सोच समझकर किया था।
News Source: jagran.com
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