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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई शक्ति के रूप में वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर अपना स्थान पुनः प्राप्त कर रहा है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली, 03जून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 02 जून, 2023 को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक उभरती हुई नहीं बल्कि एक ऐसी शक्ति है जिसका पुनरुत्थान हो रहा है और वह वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर अपनी जगह फिर से हासिल कर रहा है।” उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत यह कहते हुए की कि 17वीं शताब्दी तक भारत की अर्थव्यवस्था उल्लेखनीय रूप से मजबूत थी, जो दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का एक चौथाई से अधिक थी, लेकिन एक कमजोर सेना और राजनीतिक गुलामी के कारण इसने अपना गौरव खो दिया।

रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि सरकार इन दोनों मोर्चों पर यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि भारत अपने गौरवशाली अतीत को फिर से हासिल करे। उन्होंने कहा कि एक ऐसे मजबूत रक्षा उद्योग के आधार पर, जो स्वदेशी रूप से अत्याधुनिक हथियारों/उपकरणों का निर्माण करता है, एक मजबूत, युवा और प्रौद्योगिकी-प्रेमी सशस्त्र बल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। साथ ही, औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा प्राप्त करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, “एक मजबूत सेना न केवल सीमाओं को सुरक्षित करती है, बल्कि किसी देश की संस्कृति और अर्थव्यवस्था की भी रक्षा करती है। हमारा लक्ष्य एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अपनी जरूरतों के साथ-साथ मित्र देशों की आवश्यकताओं को भी पूरा करे। यह पुनर्जागरण का युग है। यह भारत को वैश्विक महाशक्ति के रूप में फिर से स्थापित करने का समय है।”

मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि 2013 में भारत को ‘नाजुक 5’ अर्थव्यवस्थाओं में नामित करने के बाद, इस निवेश फर्म ने हाल ही में कहा कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने इसे हाल के वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में वृद्धि का प्रमाण बताया। उनका विचार था कि ‘उभरती शक्ति’ वाक्यांश का उपयोग भारत के लिए तात्कालिक परिप्रेक्ष्य में किया जा सकता है, लेकिन दीर्घावधि के लिए वह इसे एक पुनरुत्थान होती हुई शक्ति के रूप में देखते हैं, जो विश्व आर्थिक मानचित्र पर अपनी जगह पुनः प्राप्त कर रहा है।

राजनाथ सिंह ने देश के आर्थिक विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों को सूचीबद्ध किया। इनमें प्रत्यक्ष कर सुधार, जीएसटी और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आया है और विदेशी निवेशक आज भारत को एक आकर्षक गंतव्य के रूप में देखते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में रक्षा क्षेत्र में आए बड़े परिवर्तनों पर रक्षा मंत्री ने कहा कि हथियारों और प्रौद्योगिकियों के निर्माण में पूर्ण ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। प्रमुख निर्णयों में सशस्त्र बलों की ओर से 411 वस्तुओं को शामिल कर चार सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना और डीपीएसयू के लिए 4,666 वस्तुओं की चार अन्य सूचियों के अलावा उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा औद्योगिक गलियारों की स्थापना शामिल है।

सरकार के प्रयासों के कारण प्राप्त सकारात्मक परिणामों पर प्रकाश डालते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का रिकॉर्ड रक्षा उत्पादन और लगभग 16,000 करोड़ रुपये का अब तक का उच्चतम रक्षा निर्यात रक्षा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर होने वाली वृद्धि का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा बनाए गए स्टार्ट-अप फ्रेंडली इकोसिस्टम ने देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न का निर्माण किया है और रक्षा अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण क्षेत्र में स्टार्ट-अप की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी गई है।

रक्षा मंत्री ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर अपने विचार साझा किये, जिसे उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने 2022 के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क परिवहन, रेलवे और सीमा विकास सहित सभी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

राजनाथ सिंह ने इंडिया@2047 के लिए अपना दृष्टिकोण बताया, जिसमें एक मजबूत सरकारी तंत्र, जरूरत में हर व्यक्ति की मदद, सामाजिक सद्भाव, महिलाओं की समान भागीदारी और एक पारिस्थितिकी तंत्र जो अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करता है, शामिल है। उन्होंने युवाओं की क्षमताओं का विकास करते हुए देश की आबादी के लिए उच्च गुणवत्ता वाला जीवन सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक बुनियादी ढांचे की क्षमता को और बढ़ाने का भी आह्वान किया। उन्होंने एक कुशल बाजार आधारित अर्थव्यवस्था के साथ विकास की कल्पना की, जहां लोगों को कोई भी व्यवसाय/नौकरी शुरू करने की स्वतंत्रता हो।

रक्षा मंत्री ने कहा कि उन लोगों के जीवन स्तर को बनाए रखने पर जोर दिया जाना चाहिए जो दुर्भाग्य से शारीरिक/मानसिक बीमारी या पारिवारिक कारणों से अपने सपनों को पूरा करने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा, “हमें एक कल्याणकारी राज्य बनाने की आवश्यकता है। अपने लोगों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पोषण, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा वाला राज्य। इस ‘सामाजिक सुरक्षा तंत्र’ के लिए, सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।” उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की, जहां नागरिक अपनी संस्कृति और सभ्यता पर गर्व करें, मूल्यों और परंपराओं का सम्मान करें और नए विचारों का स्वागत करें।

राजनाथ सिंह ने एक ऐसे विकसित भारत की भी कल्पना की जो यह सुनिश्चित करे कि दुनिया भर में लोकतंत्र, धार्मिक स्वतंत्रता, गरिमा और विश्व शांति जैसे सार्वभौमिक मूल्य स्थापित हों। उन्होंने कहा, “आइए हम सब मिलकर एक ऐसे भारत का सपना देखें जहां लोगों में राष्ट्र निर्माण की समान भावना हो, जहां सभी भारतीय बिना किसी भेदभाव के एक साथ काम करते हो। आइए हम एक ऐसे भारत का सपना देखें जहां लोगों को उनकी जाति और धर्म से नहीं बल्कि उनके ज्ञान और चरित्र से आंका जाए, जहां हर भारतीय की मानवाधिकारों तक पहुंच हो और अपने कर्तव्यों के प्रति प्रतिबद्धता हो। आइए हम एक ऐसे भारत का सपना देखें जो अपनी रक्षा के लिए काफी मजबूत हो और दुनिया में कहीं भी किसी भी अन्याय के खिलाफ खड़े होने के लिए तैयार हो।”

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