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केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा खूंटी में आयोजित महिला सम्मेलन में शामिल होकर राष्ट्रपति मुर्मू ने बढ़ाई कार्यक्रम की शोभा

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 नई दिल्ली, 26मई।भारत की राष्ट्रपतिद्रौपदी मुर्मु ने 25 मई गुरूवार झारखंड के खूंटी में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित एक महिला सम्मेलन में हिस्सा लिया और एक जनसभा को संबोधित किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला होना या आदिवासी समाज में जन्म लेना कोई नुकसान की बात नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारे देश में महिलाओं के योगदान के अनगिनत प्रेरक उदाहरण मौजूद हैं और महिलाओं ने सामाजिक सुधार, राजनीति, अर्थव्यवस्था, शिक्षा, विज्ञान व अनुसंधान, व्यवसाय, खेल-कूद और सैन्य बलों तथा कई अन्य क्षेत्रों में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफल होने के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपनी प्रतिभा को पहचानें और दूसरों के पैमाने पर अपना आकलन नहीं करें। उन्होंने महिलाओं से अपने भीतर की असीम शक्ति को जगाने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के सामाजिक और आर्थिक, दोनों पहलू समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड की मेहनती बहन-बेटियां राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ देश के आर्थिक विकास में अहम योगदान देने में सक्षम हैं। उन्होंने उनसे अपनी प्रतिभा को पहचानने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अनुरोध किया।

राष्ट्रपति ने कहा कि महिला शक्ति झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ऊर्जा प्रदान करती है। इसे देखते हुए झारखंड में अधिक से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ना और उनके कौशल का विकास करके रोजगार प्रदान करने का काम बहुत जरूरी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस सम्मेलन के माध्यम से महिलाएं अपने अधिकारों और सरकार द्वारा उनके हित में संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में अधिक जागरूक होंगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समाज कई क्षेत्रों में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करता है। इनमें में से एक है- आदिवासी समाज में दहेज प्रथा का न होना। उन्होंने बताया कि हमारे समाज में बहुत से लोग, यहां तक कि सुशिक्षित लोग भी, आज तक दहेज प्रथा को नहीं छोड़ पाए हैं।

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