PBK NEWS | कोलकाता। विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाओं की संलिप्तता वाला मालाबार नौसैन्य अभ्यास आज बंगाल की खाड़ी में शुरु होगा।
इस सालाना अभ्यास में बड़ी संख्या में तीनों देशों के विमान, नौसना की परमाणु पनडुब्बियां और नौसैन्य पोत शामिल होंगे। यह अभ्यास ऐसे समय हो रहा है जब सिक्किम क्षेत्र में भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच बड़ा सैन्य गतिरोध पैदा हो गया है और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग अपनी नौसैन्य मौजूदगी को बढ़ा रहा है। मालाबार सैन्य अभ्यास का लक्ष्य सामरिक रूप से महत्वपूर्ण भारत प्रशांत क्षेत्र में तीनों नौसेनाओं के बीच गहरे सैन्य संबंध स्थापित करना है।
भारत और अमेरिका साल 1992 के बाद से नियमित रूप से सालाना अभ्यास कर रहे हैं। बीजिंग मालाबार अभ्यास के मकसद को संदेह की नजर से देखता है क्योंकि उसे लगता है कि यह अभ्यास भारत प्रशांत क्षेत्र में उसके प्रभाव को रोकने की कोशिश है। इस अभ्यास में समुद्री गश्त एवं टोह अभियान, सतह एवं पनडुब्बी रोधी युद्ध जैसी गतिविधियां शामिल होंगी। इसमें चिकित्सकीय अभियान, नुकसान को नियंत्रित करना, विशेष बल अभियान, विस्फोटक आयुध निपटान और हेलीकॉप्टर अभियान भी शामिल होंगे।
यह अभ्यास 10 जुलाई से लेकर 17 जुलाई तक चलेगा। इस युद्धाभ्यास में भारत-अमेरिका-जापान की नौसेना शामिल हैं। चेन्नई तट से लेकर बंगाल की खाड़ी तक ये युद्धाभ्यास होगी, जिसमें 20 जंगी जहाज, दर्जनों फाइटर जेट्स, 2 सबमरीन, टोही विमान शामिल होंगे।
भारत की ओर से इस अभ्यास का सबसे बड़ा आकर्षण होगा एयरक्राफ्ट कैरियर आइएनएस विक्रमादित्य, 2013 में नेवी शामिल किए जाने के बाद मिग-29 फाइटर जेट्स से लैस आईएनएस विक्रमादित्य इस तरह के पूर्ण सैन्य अभ्यास में पहली बार शामिल हो रहा है।
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