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स्याही विवाद ने बदला राष्ट्रपति चुनाव का सिस्टम

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PBK NEWS |  चंडीगढ़। हरियाणा में राज्यसभा चुनाव के दौरान चर्चा में आए स्याही कांड का असर राष्ट्रपति चुनाव पर भी देखने को मिल रहा है। किसी भी तरह के विवाद से बचने के लिए पहली बार अलग से निर्वाचन अधिकारी तैनात किया गया है। इतना ही नहीं, चुनाव आयोग ने वोटिंग के लिए अलग से स्याही और पेन भी भिजवाए हैं। अलग पेन या स्याही से मतदान अवैध होगा।

विधानसभा के मौजूदा सचिव आरके नांदल को चुनाव प्रक्रिया से अलग रख सीनियर आइएएस पंकज अग्रवाल को निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश कॉडर के आइएएस अनिल संत को पर्यवेक्षक बनाया गया है। सरकार में श्रम आयुक्त अग्रवाल ने शुक्रवार को ड्यूटी संभालते ही कर्मचारियों की बैठक लेते हुए चुनाव से जुड़ी तैयारियों का आकलन किया। इससे पहले आमतौर पर राष्ट्रपति चुनाव की तमाम प्रक्रिया विधानसभा सचिव को सहायक निर्वाचन अधिकारी के रूप में तैनात कर कराई जाती रही है।

उधर, विधानसभा परिसर में राष्ट्रपति चुनाव की अन्य सामग्री के साथ-साथ स्याही व पेन को भी स्ट्रांग रूम में रखवा दिया गया है। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में पहली बार विधायक बने 57 सदस्य पहली बार ही राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे। इनमें  मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओपी धनखड़ सहित कई दिग्गज शामिल हैं।

हरियाणा में तेज हुईं गतिविधियां

सत्तारूढ़ भाजपा ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को राज्य से कम से कम 75 वोट दिलवाने का वायदा किया है। कोविंद को स्वभाविक रूप से भाजपा का साथ मिलना था लेकिन, प्रमुख विपक्षी इनेलो के 19 विधायकों ने भी उन्हें समर्थन देकर सभी को चौंका दिया। यूपीए की तरफ से मीरा कुमार के पीछे हरियाणा कांग्रेस के 17 विधायक खड़े हैं।

16 को डिनर से पहले भाजपा विधायकों की बैठक

सत्तारूढ़ भाजपा ने राष्ट्रपति चुनाव के बाद 18 जुलाई को होने वाली भाजपा विधायकों की बैठक अब रविवार को ही बुला ली है। 16 जुलाई को डिनर से ठीक पहले शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही एक बार फिर सभी विधायकों को वोटिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

विधानसभा में दलवार स्थिति

भाजपा – 47
इनेलो – 19
कांग्रेस- 17
आजाद – 5
बीएसपी – 1
शिअद – 1

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