मुंबई । इंडियन प्रीमियर लीग क्रिकेट (आईपीएल) की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। कई विवादों के उठने के बाद भी लॉन्चिंग के 11 साल बाद ही इसकी ब्रैंड वैल्यू इतनी ऊंचाइयों तक पहुंच गयी है। इससे पता चलता है कि दर्शकों और विज्ञापन देने वालों का आईपीएल से जुड़ना जारी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार , 11वें सत्र के बाद आईपीएल की वैल्यू 19 फीसदी बढ़कर 6.3 अरब डॉलर हो गई है। वहीं, 2017 में उसने आईपीएल की वैल्यू 5.3 अरब डॉलर आंकी थी, जो 2016 में 4.16 अरब डॉलर थी।
पिछले साल आईपीएल इकोसिस्टम की वैल्यू में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है। बीसीसीआई की दो अहम डील की वजह से ब्रैंड वैल्यू में शानदार बढ़ोतरी हुई है। पहली, वीवो के साथ टाइटल स्पॉन्सरशिप और दूसरी, स्टार इंडिया के साथ मीडिया राइट्स डील। सिर्फ 11 साल में आईपीएल की ब्रैंड वैल्यू इस लेवल पर पहुंची है, जो बड़ी बात है।
आईपीएल ने शुरू से ही प्राइम टाइम स्लॉट पर कब्जा जमा लिया। इसे साल-दर-साल विज्ञापनों, ब्रॉडकास्टर्स, स्पॉन्सर्स, पार्टनर्स और दर्शकों का सहयोग मिलता गया। इस वजह से विज्ञापन देने वालों के लिए आईपीएल कैंपेन कैलेंडर की सबसे पसंदीदा इवेंट बन गई और यह देश में सबसे पॉपुलर टूर्नमेंट बन गया।’
इस साल की रिपोर्ट में बताया गया है कि आईपीएल की दो फेंचाइजी 100 मिलियन डॉलर क्लब में शामिल हो गई हैं, जबकि दो अन्य इससे कुछ ही कदम दूर हैं। मुंबई इंडियंस की ब्रैंड वैल्यू 113 मिलियन डॉलर, जबकि कोलकाता नाइट राइडर्स की ब्रैंड वैल्यू 104 मिलियन डॉलर मानी गई है। ये दोनों ब्रैंड वैल्यूएशन के मामले में शिखर पर हैं।
Comments are closed.