टेबल वर्क की अधिकता ए.सी. में बैठना, ए.सी. गाडिय़ों में सफर करना, अनियमित दिनचर्या, एक्सरसाइज न करना आदि के कारण शहरी युवाओं में कमरदर्द की समस्या चिंताजनक गति से बढ़ रही है। उक्त बातें बादशाहपुर स्थित स्पर्श अस्पताल के डायरेक्टर एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित भारतीय ने कही। डॉ अंकित ने कहा कि यदि मनुष्य सादगीपूर्ण और अनुशासित जीवन यापन करें तो 80 वर्ष की उम्र तक स्वस्थ और सुखी जीवन यापन कर सकता है। उन्होंने कहा कई अहम हड्डी रोग के बारें में जानकारी दी हड्डियों के मुख्य रोग कौन-कौन से है ज्यादातर कमर का दर्द, जोड़ों का दर्द और सरवाइकल स्पांडालाइसिस हड्डियों के रोगों से संबंधित कॉमन प्राब्लम है। ये तो हड्डियों के रोगों के कारण होने वाली परेशानियां हैं, हड्डी रोगों में कुछ तो पैदाइशी होते हैं, कुछ उम्र के साथ पैदा होते हैं और कुछ अनियमित जीवन यापन के कारण होते हैं। हड्डियों से जुड़ी पैदाइशी विकृति जिसे कंजाइटेल डिस आर्डर कहा जाता है क्लवफुट से संबंधित हड्डी रोगों का ऑपरेशन से उपचार किया जाता है। उम्र के साथ पैदा होने वाले हड्डी रोग में से ओस्टियो प्रोसेसिस कहा जाता है। शरीर में कैल्सियम की कमी के कारण ओस्टियो प्रोससिस बढ़ जाता है, इसमें हड्डियों में दर्द रहने लगता है। आमतौर पर यह 50 की उम्र में शुरू होता है। महिलाओं में 45 वर्ष के आसपास शुरू हो जाता है। ओस्टियो प्रोसेसिस के परिणाम कैल्सियम की कमी और लगातार हड्डियों में दर्द रहने से रीढ़ की हड्डियों के पिचकने के आसार बढ़ जाते हैं। छोटी सी चोट पर हड्डियां टूट जाती हैं। कुछ लोगों का कूबड़ भी इसी कारण से निकल आता है। इसके अलावा कई बिमारी उम्र के साथ पैदा होती है ओस्टो आर्थराइटिस नाम की एक और हड्डियों की बीमारी है जो उम्र बढऩे के साथ-साथ पैदा होती है, लेकिन अब यह कम उम्र के लोगों को भी होने लगी है। किसी भी व्यक्ति को हड्डी सम्बन्धी बिमारी के लिए आस-पासे से कोई भी दवा खाने से पहले हड्डी रोग विशेषज्ञ की सलाह जरुर लेनी चाहिए
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