श्रीनगर। जम्मू के सीमावर्ती इलाकों में गोलाबारी जारी रखने के बाद पाकिस्तानी सेना ने उत्तरी कश्मीर में उड़ी सेक्टर के अंतर्गत एलओसी पर स्थित अग्रिम भारतीय सैन्य व नागरिक ठिकानों पर भी गोलाबारी शुरु कर दी है। भारतीय जवानों ने भी पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
हालांकि दोनों तरफ हुए नुकसान की तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन एलओसी पर स्थित इलाकों में तनाव और डर का माहौल पैदा हो गया है।
यहां मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी सैनिकों ने उड़ी सेक्टर में बीती रात करीब साढ़े नौ बजे कमलकोट व उसके साथ सटे इलाकों में स्थित भारतीय सैन्य चौकियों पर गोलाबारी शुरु की। भारतीय सैनिकों ने इस गोलाबारी का जवाब नहीं दिया बल्कि अगले इलाकों में गश्त कर रहे जवानों व नाका पाटियों को घुसपैठ की आशंका के चलते पूरी तरह सचेत कर दिया। करीब 15 मिनट बाद यह गोलाबारी थम गई।
करीब एक घंटा शांत रहने के बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने फिर भारतीय ठिकानों पर फिर गोलाबारी शुरु कर दी। इस बार पाकिस्तानी सैनिकों ने मोर्टार के गोलों के साथ साथ तोपखाने का भी इस्तेमाल किया।
भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी गोलाबारी की तीव्रता को बड़ते देख जवाबी फायर किया और उसके बाद दोनों तरफ से एक दूसरे के ठिकानों पर आधी रात के बाद करीब साढ़े बारह बजे तक गोलाबारी होती रही।
संबधित सैन्याधिकारियों ने बताया कि आज तड़के करीब तीन बजे पाकिस्तानी सैनिकों फिर गोलबारी शुरु की ,लेकिन उसी समय भारतीय जवानों की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तानी सैनिक शांत हो गए।
उड़ी स्थित एक सैन्याधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई गोलाबारी में जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना को पहुंचे नुकसान की भी अभी तक कोई सूचना नहीं है।
जिस तरीके से पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलाबारी की है, उसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि आतंकियों के किसी दल को भारतीय इलाके में सुरक्षित घुसपैठ कराने का प्रयास हुआ है। इसलिए सभी अग्रिम इलाकों में तैनात नाका पार्टियों और गश्तीदलों को पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश देते हुए घुसपैठ की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया गया है।
इस बीच, पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए जंगबंदी के उल्लंघन के बाद से कमलकोट, छूलां, दुलांजा समेत एलओसी के साथ सटे विभिन्न इलाकों में रहने वाले लोगों में तनाव और डर का माहौल पैदा हो गया है। कमलकोट से कुछ लोगों ने आज सुबह सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन भी किया है। लेकिन उड़ी या बारामुला स्थित किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
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