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गुडग़ांव (अजय) : दक्षिण हरियाणा से मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम में अगर मेवातवासियों ने साथ दिया तो इस बार हरियाणा का मुख्यमंत्री दक्षिण हरियाणा से बनाकर दिखाएंगे। फिर हम सोहना और मेवात की उपेक्षा का हिसाब 52 दिनों में चुकता करेंगे। उक्त बात नव जन चेतना मंच के संयोजक वशिष्ठ कुमार गोयल ने मेवात के जलालपुर फिरोजपुर, मरोड़ एवं पुन्हाना तहसिल के अकबरपुर गांव में आयोजित नुक्कड़ सभाओं में बोलते हुए कही। साथ ही उन्होंने लोगों को आगामी 20 जनवरी को सुबह 10 बजे मेवात की राजधानी कहे जाने वाले बडक़ली चौक पर वीर शहीद राजा हसन खां मेवाती और राजा राणा सांगा की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। इस मौके पर नव जन चेतना मंच के आजाद हसनैन जैदी, हारून खान जलालपुर, डॉ संजय दायमा, इरफान, सरफराज, शौकीन खान, सपात खान, ईसाक सरपंच, मास्टर जी शब्बीर, रती सरपंच, हाजी अकबर, सरपंच कासम, अब्दुला नंबरदार, जफरूद्दीन मेंबर पंचायत, अजीत दायमा कादरपुर, मुकेश सैनी, यशपाल सिंह, लाल सिंह, पवन, ओमवीर गहलोत आदि मौजूद थे। इसके पूर्व इन गांवों में पहुंचने पर वशिष्ठ गोयल व उनकी टीम के लोगों का फूल माला और पगड़ी पहनाकर भव्य स्वागत किया गया।
नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए वशिष्ठ गोयल ने सवाल उठाया कि आखिर अब तक मेवात में रेल, यूनिवर्सिटी , नहर का पानी क्यों नहीं आया? यहां कोई कल कारखाने स्थापित क्यों नहीं किए गए? अब तक के यहां के जन प्रतिनिधियों और मुख्यमंत्रियों ने मेवात के विकास पर क्यों नहीं ध्यान दिया? आखिर इस इलाके के विकास पर जो पैसा खर्च होना था वो पैसा कहां गया? इन सब सवालों का जवाब आगामी 20 जनवरी को बडक़ली चौक पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में यहां के नेताओं और राज्य के मुख्यमंॠत्री और पूर्व मुख्यमंत्रियों से पूछा जाएगा।
नुक्कड़ सभाओं के दौरान वशिष्ठ गोयल ने कहा कि मेवात का इतिहास बहादूरी और देशभक्ति का रहा है। वतन की रक्षा के लिए शहीद हुए राजा हसन खां मेवाती इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है। मुस्लिम होते हुए भी उन्होंने युद्ध में बाबर का साथ न देकर हिन्दू राजा राणा सांगा का साथ दिया और इतिहास में एक मिसाल कायम कर दी और मैं अब राणा सांगा का प्रतिनिधि बनकर शहीद हसन खां मेवाती की कुर्बानी का कर्ज चुकाने आया हूं।
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