PBK NEWS | नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने कहा है कि जजों की पेशेगत योग्यता का सबसे अच्छा आकलन उच्च न्यायपालिका के सदस्य ही कर सकते हैं, जो कि रोजाना उनका कामकाज देखते हैं, न कि इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी)। कोलेजियम ने यह टिप्पणी झारखंड हाई कोर्ट में तीन वकीलों को न्यायाधीश बनाए जाने को हरी झंडी देने वाली अपनी सिफारिश में की है। कोलेजियम के इस रुख से जजों की नियुक्ति पर सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ सकता है।
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने हाई कोर्ट की ओर से नियुक्ति के लिए भेजे गए चार वकीलों के नामों के प्रस्ताव में से तीन की नियुक्ति की सरकार से सिफारिश की है। कोलेजियम ने राजेश कुमार, अनुभा रावत चौधरी और कैलाश प्रसाद देव को झारखंड हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है। हालांकि पंकज कुमार की नियुक्ति का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। कोलेजियम ने पंकज कुमार को न्यायाधीश पद के लिए उपयुक्त नहीं पाया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाले कोलेजियम का कहना है कि जजों की पेशेगत योग्यता का आकलन करने और उसके बारे में फैसला लेने में उच्च न्यायपालिका ही सर्वथा सक्षम है। कोलेजियम ने कहा है कि झारखंड हाई कोर्ट ने एक सितंबर, 2016 को चार वकीलों को हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की थी। हाई कोर्ट कोलेजियम की सिफारिश पर राज्य के मुख्यमंत्री और राज्यपाल की भी सहमति थी। कोलेजियम ने प्रत्येक वकील को हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के बारे में आइबी रिपोर्ट व अपने संबंधित सहयोगी न्यायाधीशों से राय मशविरे के बारे में विस्तृत ब्योरा दिया है।
वकील पंकज कुमार के प्रस्ताव पर कोलेजियम का कहना है कि रिकार्ड पर मौजूद सामग्री, उनकी आय के मानक और उनके विभिन्न संगठनों से संबंधों को देखते हुए उन्हें न्यायाधीश पद के उपयुक्त नहीं पाया गया। कोलेजियम ने पंकज कुमार की नियुक्ति का प्रस्ताव खारिज कर दिया। राजेश कुमार के बारे में कोलेजियम का कहना है कि उनकी आय और आयु मानकों के मुताबिक पाई गई। उनके बारे में कोलेजियम को राय देने वाले साथी न्यायाधीशों ने उन्हें न्यायाधीश पद के लिए उपयुक्त पाया। राजेश कुमार की पेशेगत योग्यता के बारे में आइबी की टिप्पणियों पर कोलेजियम ने कहा है कि उच्च न्यायपालिका के सदस्य ही बेहतर ढंग से उनकी क्षमता-योग्यता का आकलन कर सकते हैं।
कोलेजियम ने कहा कि राजेश कुमार की निष्ठा के बारे में आइबी की रिपोर्ट ठीक है। आइबी ने खुद कहा है कि इस बारे मे कुछ भी रिकार्ड पर नहीं पाया गया। कोलेजियम का मानना है कि ये उचित नहीं होगा कि गोपनीय ढंग से एकत्र की गई अपुष्ट सूचनाओं का संज्ञान लिया जाए, जिनका कोई सबूत नहीं है। कमोबेश यही बातें कोलेजियम ने अनुभा रावत चौधरी और कैलाश प्रसाद देव के प्रस्तावों को स्वीकार करते हुए कही हैं।
इसके अलावा कोलेजियम ने वकील अरिंदम लोध की त्रिपुरा हाईकोर्ट में न्यायाधीश पद पर नियुक्ति की सिफारिश की है। नियुक्तियों को स्वीकृति देने वाली कोलेजियम में न्यायाधीश जे चेलमेश्वर व न्यायाधीश रंजन गोगोई भी शामिल थे।
News Source:- www.jagran.com
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