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अरुण जेटली के बयान से भड़का चीन, कहा- संप्रभुता की रक्षा के लिए हैं तैयार

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PBK NEWS |नई दिल्ली । रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान पर चीन ने पटलवार किया है। चीन की अोर से जारी बयान में कहा गया  है कि वह भी 1962 से अलग है। जेटली ने चीन की चेतावनी पर कहा था कि 1962 का भारत और 2017 का भारत अलग है।

आपको बता दें, करीब एक महीने से सिक्किम स्थित भारत-चीन सीमा पर तनाव बना हुआ है। विवाद की शुुरुआत तब हुई जब छह जून को चीन ने भारतीय इलाके में स्थित दो बंकरों को बुलडोजरों से नष्ट कर दिया। तनाव के दरम्यान चीनी मीडिया और थिंक टैंक बार-बार आक्रामक बयान दे रहे हैं। चीन में मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है।

चीन मीडिया की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत और चीन के बीच विवाद को सही तरीके से नहीं निपटाया गया तो दोनों देशों के बीच युद्ध संभव है। चीन सरकार द्वारा नियंत्रित अखबार ग्लोबल टाइम्स में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि चीन अपनी सीमा की संप्रभुता बरकरार रखने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिए वो युद्ध करने तक जा सकता है। चीनी अखबार ने लिखा है कि अगर भारत और चीन के बीच युद्ध होगा तो इस बात की बहुत कम संभावना है कि अमेरिका उसमें सीधे दखल देगा, हालांकि वो भारत को हथियार वगैरह बेच सकता है।

चीन ने इससे पहले बयान दिया था कि भारत को 1962 के युद्ध का सबक याद रखना चाहिए। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि 2017 के भारत और 1962 के भारत में बहुत अंतर है। जेटली के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी रक्षा विशेषज्ञ वांग देहुआ ने ग्लोबल टाइम्स से कहा कि चीन भी 1962 वाला नहीं है। वांग देहुआ शंघाई म्युनिसिपल सेंटर में प्रोफेसर हैं। वांग ने कहा कि भारत 1962 से भारत को अपना सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी समझता है क्योंकि दोनों देशों में कई समानताए हैं। मसलन, दोनों ही विकासशील अर्थव्यवस्था हैं, दोनों की जनसंख्या बड़ी है।

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