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2 फरवरी को न्याय संगठन का विशाल प्रदर्शन, सरकार और प्रशासन को चुनोती

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बादशाहपुर, 31 जनवरी (अजय) : सामाजिक न्याय संगठन गुरुग्राम कार्यकारिणी द्वारा आज गुरुग्राम के शमा होटल में प्रेसवार्ता आयोजित हुई। जिसमे मुख्य रूप से संगठन पदाधिकारी बीरू सरपंच, चौधरी संतोख सिंह, नत्थू सिंह सरपंच, सूबे सिंह बोहरा सरपंच, नरेश सहरावत सरपंच तथा अशोक हंस सरपंच ने प्रेसवार्ता के माध्यम सरकार और प्रशासन को अपनी मांगे रखी और अपनी आगे की रणनीति बताई। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि सामाजिक न्याय संगठन के बनेर तले गुरुग्राम निगम क्षेत्र के गाँवों में लगाये जा रहे तानाशाह हाउस टैक्स के विरोध में दो फ़रवरी को गुरुग्राम के पंचायत घर से जिला उपायुक्त कार्यालय पत जोरदार हजारों लोगों के जनसमर्थन के साथ प्रर्दशन करेगा तथा निगम क्षेत्र के गाँवों में हाउस टैक्स को समाप्त करने की मांग को लेकर राज्यपाल हरियाणा को फिर से ज्ञापन भेजेगा। धरना-प्रदर्शन में पिछले दिनों विभिन्न गाँव में संगठन द्वारा बनाई गई कमेटियों के सदस्यों सहित गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के सभी गाँव के गणमान्य लोग इस प्रदर्शन में शामिल होंगे।

बीरू सरपंच ने कहा कि गुरुग्राम एवं मानेसर निगम क्षेत्र के गाँव के लोग हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स तथा गाँव में नक्शा पास कराने के तुगलकी फरमान को समाप्त करने की माँग को लेकर गुरुग्राम के सभी जागरूक लोग एवं सामाजिक न्याय संगठन 2 फ़रवरी को सुबह 11 बजे पंचायत भवन परिसर गुरुग्राम में इकट्ठे होंगे और उसके बाद प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल के नाम ज्ञापन देने के लिए जिला उपायुक्त कार्यालय में जाएंगे। संगठन पदाधिकारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि निगम प्रशासन द्वार जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है कोई मकान बनाता है तो उनसे जबरन उघाई की जाती है, जो न ही देता उनके घर तोड़ दिए जाते है, जोकि गलत है। प्रशासन में कोई भी कार्य बिना सांठ गाँठ के न ही होता।

पत्रकारों के तीखें सवालों का जवाब देते हुए संगठन पदाधिकारियों ने कहा कि उनका संगठन गेर राजनितिक है, उसका किसी राजनितिक दल से कोई लेना देना नही है, इस संगठन में सभी पार्टी के नेता और पदाधिकारी है, जोकि समाजहित में जनता की आवाज को उठा रहे है, गुरुग्राम नगर निगम का गठन 2008 में किया गया था तथा मानेसर नगर निगम का गठन 2020 में किया गया है। गाँवों को निगम क्षेत्र में शामिल करने से पहले कोई भी शहरी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई गई थी तथा जो भी विकास कार्य गाँवों में हुए थे, वो सभी ग्राम पंचायतों ने ही करवाए थे। नगर निगम के गठन से पहले गाँवों तथा उनकी विस्तारित आबादी में कोई भी हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स, डेवलपमेंट चार्ज तथा मकान बनाने के लिए नक़्शा पास करवाने का प्रावधान नहीं था।

गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र तथा मानेसर निगम क्षेत्र में आने वाले सभी गाँवों की ज़्यादातर ज़मीन सरकार द्वारा पहले ही अधिग्रहण की जा चुकी है। ज़मीन अधिग्रहण से पहले गाँवों की ज़्यादातर आबादी कृषि एवं ग़ैर कृषि दोनों ही खेती-बाड़ी पर निर्भर थे। ज़मीन अधिग्रहण के कारण खेती-बाड़ी ख़त्म हो गई है। सभी के आय के साधन और रोज़गार ख़त्म हो गये। गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र तथा मानेसर निगम क्षेत्र में आने वाले सभी गाँवों की अरबों-खरबों रूपये की सभी संपत्तियां, ज़मीन-जायदाद तथा ग्राम पंचायतों का अरबों-खरबों रुपया पहले ही नगर निगम ले चुका है। अभी हाल ही में देश की राजधानी दिल्ली में भी एमसीडी ने गाँवों तथा उसकी विस्तारित आबादी में हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म कर दिया है। जिला गुरुग्राम एनसीआर क्षेत्र में पड़ता है और देश की राजधानी दिल्ली से बिलकुल सटा हुआ है। जब देश की राजधानी दिल्ली में ही एमसीडी ने गाँवों और उसकी विस्तारित आबादी में हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स ख़त्म कर दिया है तो फिर गुरुग्राम ज़िला में नगर निगम गुरुग्राम तथा मानेसर नगर निगम में गाँवों और उसकी विस्तारित आबादी में हाउस टैक्स क्यों। इन सभी मांगों को लेकर और सरकार तथा प्रशासन को नींद से जगाने के लिए 2 फरवरी को विशाल प्रदर्शन शहर की जनता करेगी और इस लड़ाई को सभी तरह के टैक्स को निगम क्षेत्र में समाप्त करने तक यह लड़ाई जारी रहेगी।

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