गुरुग्राम, 28 जुलाई (ब्यूरो) : कारगिल युद्ध के दौरान सेवानिवृत्त सैनिक बेगराज यादव निवासी बादशाहपुर गुरुग्राम और रामराजी निवासी जिला जींद ने अपने कमांडर को पत्र लिखकर लड़ाई में फिर से अपनी सेवाएं देने की इच्छा जाहिर की थी। बेगराज यादव ने अपने पत्र में लिखा कि जब वे फौज से सेवानिवृत्त हुए थे, तब देश में इस तरह की स्थिति नहीं थी, लेकिन आज कारगिल युद्ध के दौरान उन्हें लगता है कि देश को उनकी जरूरत है। उन्होंने यह भी लिखा कि वे मौत की परवाह किए बिना फिर से सेना में सेवा देने के लिए तैयार हैं।
बेगराज यादव ने अपने पत्र में लिखा सेवानिवृत्त होने के बाद मैंने सोचा नहीं था कि देश को हमारी फिर से जरूरत पड़ेगी। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए मैं और मेरे साथी रामराजी सेना में लौटकर लड़ाई में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। कमांडर ऑफिसर ने उनकी भावनाओं की कदर करते हुए एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि उनका पत्र पूरी यूनिट को पढ़कर सुनाया गया है। सभी जवान आपके विचारों से खुश हैं और आपकी देशभक्ति की भावना की सराहना करते हैं। पत्र में यह भी लिखा गया कि यदि जरूरत पड़ी, तो आपको जरूर याद किया जाएगा। यूनिट के सभी जवानों को खुशी है कि आप दोनों सेवानिवृत्त होने के बाद भी देश के प्रति यह जज्बा रखते हैं। कमांडर के पत्र में लिखा था आपका पत्र पढ़कर हमें गर्व महसूस हुआ। आपकी देशभक्ति और समर्पण की भावना ने हमें प्रेरित किया है। हमारी यूनिट पूरी तरह से सुरक्षित है और हम आपकी तत्परता के लिए आभारी हैं। अगर किसी भी तरह की जरूरत पड़ी, तो हम आपको अवश्य याद करेंगे। उस वक्त बेगराज यादव की सोच देशभक्ति और समर्पण का एक अद्वितीय उदाहरण रही, जहां सेवानिवृत्त सैनिकों ने देश की सेवा के लिए अपने जीवन को फिर से समर्पित करने की इच्छा जताई। बेगराज यादव और रामराजी की इस पहल ने सभी सैनिकों और नागरिकों को प्रेरित किया है।
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