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‘किलर रोबोट’ शीघ्र प्रतिबंध लगाया जाए, संयुक्त राष्ट्र से एमनेस्टी की अपील

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जिनेवा । ‘किलर रोबोट्स’ पर शीघ्र ही प्रतिबंध लगना चाहिए। जिनेवा में सोमवार को हुई कन्वेंशन ऑफ सर्टेन कन्वेंशनल वीपन (सीसीडब्ल्यू) की एक बैठक में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने कहा, ‘अब समय आ गया है कि सभी देशों को मिलकर तथाकथित किलर रोबोट को बैन करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए।

किलर रोबोट्स के बारे में आगे की रणनीति तय करने के लिए कई देशों के विशेषज्ञों की बैठक जिनेवा में चल रही है। यह बैठक 27 से 31 अगस्त तक चलेगी। संयुक्त राष्ट्र की ऑफिस में हो रही यह दूसरी बैठक है, जब भविष्य के इन मारक तकनीक पर विचार किया जा रहा है। पिछले साल भी इसी विषय पर बैठक की गई थी।
संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा, ‘वास्तव में पूरी तरह ऑटोमेटिक और कंप्यूटर से नियंत्रित होने वाले हथियार अभी अस्तित्व में नहीं है।’ कुछ लोगों का कहना है कि सभी सरकारों और सेना को इस तरह के हथियार विकसित करने पर रोक लगाई जानी चाहिए। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इन देशों पर बैन लगाने की बात कही। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र की सलाहकार रशा अब्दुल रहीम ने कहा कि किलर रोबोट्स अब सिर्फ साइंस फिक्शन का हिस्सा नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लेकर ऑटोमेटेड गन तक का विकास काफी तेज़ी से हो रहा है। हम सभी देशों से अपील करते हैं कि वह इस खतरनाक हथियार के विकास पर रोक लगाएं।
सीसीडब्ल्यू की बैठक के चेयरमैन अमनदीप गिल ने कहा कि इस मामले में तीन अलग-अलग ग्रुप हैं। एक ग्रुप का मानना है कि इस पर पूरी तरह से रोक लगा देनी चाहिए। दूसरे ग्रुप का मानना है कि इसके लिए राजनीतिक तौर पर नियम बनाए जाने चाहिए, लेकिन यह इसे मानने के लिए कोई नियमों से बंधा हुआ नहीं होगा,

तीसरा वर्ग ऐसा है जो मानता है कि इसे लेकर फिलहाल कोई नियम नहीं बनाया जाना चाहिए। गिल ने कहा कि हालांकि किलर रोबोट पर रोक लगाने का समर्थन करने वाले देशों की संख्या बढ़ी है लेकिन ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस और इज़रायल जैसे देश जिसके पास एडवांस्ड हथियार हैं वो इस पर रोक लगाने के समर्थन में नही हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल और इसके सहभागी किलर रोबोट्स का विकास करने और प्रयोग का पूरी तरह से विरोध करते हैं क्योंकि वो मनुष्य के लिए इसको बड़ा खतरा मानते हैं।

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