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विश्वास का सनसनीखेज दावा- कई AAP विधायक मेरे संपर्क में

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PBK NEWS | नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) ने वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास पर भाजपा का एजेंट होने का आरोप लगाने वाले विधायक अमानतुल्लाह खान का निलंबन वापस ले लिया है। इसके बाद आप में उठे ताजा विवाद पर कुमार विश्वास ने साफ किया है कि पार्टी के कई कार्यकर्ता और विधायक उनके साथ हैं, वह खुद को नहीं बदल सकते हैं और न ही किसी से डरने वाले हैं। बातचीत में कुमार विश्वास ने पार्टी के अंदर भी झाड़ चलाए जाने की वकालत की। विश्वास ने साफ संकेत दिया कि वह गलत बातों को उठाते रहेंगे। अमानतुल्लाह की पार्टी में बहाली पर कुमार विश्वास खुलकर बोले। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्य अंशः-

1. सभी कुछ सामान्य चल रहा था, आपने राज्यसभा जाने की बात की। इसके बाद से आप फिर विवादों में हैं?

-मैं कभी भी विवाद में नहीं रहा और न अब हूं। मेरा काम करने का अपना तरीका है, जो कई लोगों को पसंद नहीं आता है। मैं बदलने वाला नहीं हूं और न ही किसी से डरने वाला हूं। न मैं भाग कर जाऊंगा। जहां तक राज्यसभा जाने की बात है, तो उसके लिए बेहतर उम्मीदवार हूं। पार्टी की तरफ से राज्यसभा जाने की बात मैं क्यों नहीं करूंगा।

2. अमानतुल्लाह का निलंबन वापस लिए जाने के फैसले पर आपक क्या कहना है?

-यह फैसला ठीक नहीं है। मैंने यह बात पार्टी से पूछी है कि जिस व्यक्ति ने मुझ पर गंभीर आरोप लगाए, क्या उसके आरोप सही हैं। यदि आरोप सही हैं तो मेरे खिलाफ कार्रवाई कीजिए, नहीं तो उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

3. आपके मामले में आतिशी मर्लेना के नेतृत्व में जांच समिति गठित की गई थी। कमेटी की रिपोर्ट क्या कहती है?

-कौन सी रिपोर्ट। रिपोर्ट तो कोई मिली ही नहीं। मुझे तो सिर्फ यह जानकारी मैसेज के माध्यम से मिली कि अमानतुल्लाह खान का निलंबन वापस ले लिया गया है। यह मामला पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी (पीएसी) में भी नहीं रखा गया।

4.आप कह रहे हैं कि अमानतुल्लाह केवल मुखौटा हैं, तो असली लोग कौन हैं?

-मैं पहले भी कह चुका हूं कि अमानतुल्लाह केवल मुखौटा हैं। उनके पीछे आठ-नौ लोग हैं। हो सकता है कि यह प्रपंच अगले साल जनवरी में खाली हो रहीं दिल्ली की तीन राज्यसभा सीटों के लिए रचा गया हो, लेकिन भ्रष्टाचार के खिलाफ रामलीला मैदान से उठी आवाज आज भी मेरी प्राथमिकता है। मैं पार्टी के अंदर और बाहर हर मंच पर इस आवाज के लिए लड़ता रहूंगा।

5. क्या इस मसले पर विधायकों से भी बात हुई है?

-विधायकों से लगातार बात होती है। कई विधायक संपर्क में हैं, उनके संदेश भी आ रहे हैं। अब पार्टी में वह स्थिति नहीं है, क्योंकि न तो ऐसे कार्यकर्ता बचे हैं और न ही विधायक जो आंखें मूंदकर बैठे रहें।

6. इसके पीछे क्या रणनीति हो सकती है?

-रणनीति तो साफ दिख रही है कि गुस्से में आकर मैं कुछ बोलूं और ये लोग मेरे खिलाफ कार्रवाई करें। मगर मैं ऐसा करने वाला नहीं हूं।

7. आप दो नवंबर को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में वक्ता नहीं हैं?

-यह तो पार्टी बताएगी कि मुझे वक्ता के रूप में क्यों नहीं शामिल किया गया। मैं 450 कार्यकर्ताओं की तरह इसमें भाग लूंगा। अगर कार्यकर्ता चाहेंगे तो मैं वहां अपनी बात रखूंगा।

8. क्या आप पार्टी छोड़ने वाले हैं?

-मैं पार्टी क्यों छोडूंगा। पार्टी मेरे घर में बनी है। मुझे भाजपा और कांग्रेस में जाना नहीं है और न ही स्वराज पार्टी बनानी है।

9. कहा जाता है कि आप राजस्थान के मामलों पर पार्टी में किसी से चर्चा नहीं करते?

-राजस्थान में अच्छा कर रहा हूं तो कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। जहां तक पार्टी में बात करने की बात है, तो किस से बात करूं, क्यों करूं? यहां राष्ट्रपति चुनाव में वोट देने के मामले पर फैसला लेने के बाद से पीएसी की बैठक तक नहीं हुई है।

News Source :- wwww.jagran.com

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