गुरुग्राम, 18 मई (अजय राठौर) : विश्वास, सामर्थ्य, और सामरिकता ये वह मूल गुण है जो लखेरा समाज को अनोखा बनाते हैं। भारत देश में लखेरा समाज एक ऐसा समुदाय है, जहाँ लोग संघर्ष की गर्मी में अपने सपनों को साकार करने के लिए उठते हैं। देश के विभिन्न राज्यों में लाख चूड़ी का व्यापार करके अपना जीवन यापन करने वाला लखेरा समाज उन लोगों की कहानियों का प्रतिष्ठान है जो अविचलित मन से अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहे हैं। लखेरा समाज की यात्रा संघर्षों से भरी रही हुई है। लाख की चूड़ियों का व्यापार करके जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता के लिए जुटे इस समाज के लोगों की अद्वितीय कहानियाँ हैं। वह व्यक्ति जो नये मार्ग पर चलने का आग्रह करता है, जो नियमों को तोड़कर अपने सपनों का आदान-प्रदान करता है, वही एक सच्चा लखेरा समाज का हिस्सा होता है। लखेरा समाज एक प्रेरणादायक उदाहरण है जिसकी कहानियाँ हमें सामर्थ्य, संघर्ष, और दृढ़ विश्वास के महत्व को समझाती हैं। यह समाज हमें यह सिखाता है कि हमारे सपने और लक्ष्य हमारे सीमाओं से मुक्त होते हैं और हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। इसकी रोशनी में हम अपने स्वप्नों को प्राप्त करने के लिए संघर्ष करते हुए सफलता के उच्चावकाश को प्राप्त कर सकते हैं।
लखेरा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजसिंह लखेरा सोनीपत का कहना है कि वर्षो से इस समाज ने काफी संघर्ष किया है, और देश में समाज का नाम रोशन किया है, लेकिन पिछले 6 माह में लखेरा समाज का नाम राष्ट्रीय स्तर पर तेजी से चमका है, इसमें यह कहना गलत नही होगा कि लखेरा समाज गुरुग्राम की टीम ने अद्भुत और अतुल्य कार्य करके लखेरा समाज के नाम को राष्ट्रीय स्तर पर चमकाने के लिए समाजिक स्तर पर बड़े-बड़े कार्य किये जिसके लिए वह बधाई के पात्र है, वही प्रदेश स्तर पर भी प्रदेश अध्यक्ष सतबीर रेवाड़ी ने अपनी उम्र के अनुभव पर सभी जिलों की टीमों को अनुशासन और एकता का पाठ पढ़ाते हुए समाज एकता पर बल दिया और समाज में कटाक्ष की भावना को कम कराते हुए समाज की गलत कुरीतियों को समाप्त कराने का कार्य समाजिक स्तर पर किया है।
फोटो : राजसिंह लखेरा, राष्ट्रीय अध्यक्ष
सतबीर रेवाड़ी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लखेरा समाज के सदस्यों को जीवन के हर मोड़ पर परिभाषित करने का साहस होता है। उन्हें असंभव को संभव बनाने की क्षमता होती है और उनका अद्वितीय विचारधारा उन्हें अपार संभावनाओं के द्वार तक पहुंचाती है। इस समाज के लोग आशा के बिना कभी निराश नहीं होते, और संघर्ष में अपनी बलिदान करते हुए भी आगे बढ़ते हैं। लखेरा समाज की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि हमारी सीमाओं का परचम पंखों की तरह छोटा होता है। इस समाज के सदस्य नये सपनों के लिए सीमाओं को चुनौती देते हैं और अपने अंतर्निहित क्षमताओं को खोजते हैं। वे अपनी कमजोरियों को अपनी ताकत बनाते हैं और अनवरत प्रयास करते हैं अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए।
फोटो : सतबीर रेवाड़ी प्रदेश अध्यक्ष
संतलाल गहलोत राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी का कहना है कि लखेरा समाज के सदस्य दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं और समाज को एक सकारात्मक बदलाव की ओर प्रवृत्त करते हैं। इस समाज के माध्यम से हम यह समझते हैं कि जीवन की हर मुश्किलता और चुनौती का सामना करने के लिए हमारे पास सामरिकता और साहस होना चाहिए। हमें अपनी अनवरत मेहनत, संघर्ष, और समर्पण के माध्यम से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ना चाहिए। जिसको खासतौर से बखूबी गुरुग्राम लखेरा समाज की टीम करके भी दिखा रही है।
संतलाल गहलोत राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी
नरेश चौहान प्रधान गुरुग्राम कहते है कि लखेरा सेवा संगठन उनकी कोर कमेटी तथा 30 सदस्यों का संघर्ष सिर्फ उनकी सफलता तक ही सीमित नहीं रहता है, वरन् वे अपने सामर्थ्य और संघर्ष के उदाहरण के माध्यम से दूसरों को प्रेरित भी करते हैं। देश में लखेरा समाज की कहानियाँ और उनके संघर्ष दूसरों को बताती हैं कि यदि उन्होंने सपनों का पीछा करना सीख लिया है, तो किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति मुश्किल नहीं होती। उसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार गुरुग्राम लखेरा कोर कमेटी समाजहित के जुड़े कार्यो में जुटी है और आगे भी जुटी रहेगी।
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