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अगले साल से ट्रांसपोर्ट वाहनों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगाना जरूरी

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– रिक्शा और ई-रिक्शा को इससे रखा बाहर
नई दिल्ली । सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अगले साल 1 जनवरी या उसके बाद रजिस्टर होने वाले सभी वाहनों में वीएलटी (वीकल लोकेशन ट्रैकिंग) और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन रिक्शा और ई-रिक्शा को इससे बाहर रखा गया है। ये नियम केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 के अंतर्गत आने वाले सभी पब्लिक सर्विस वाले वाहनों पर लागू होगा। इससे संबंधित नोटीफिकेशन को पब्लिश होने के लिए भेज दिया गया है। जो वाहन पहले से ही रजिस्टर्ड हैं उन वाहनों में इसे लगाए जाने के लिए राज्य सरकार अंतिम तारीख तय करेगी।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रियांक भारती ने बताया कि सभी नए और पुराने वाहनों के लिए नोटीफिकेशन जारी किया जाएगा। केंद्र ने 31 दिसंबर 2018 तक रजिस्टर किए गए सभी पब्लिक सर्विस वाहनों को इससे बाहर रखा है। लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बाद राज्य सरकार को इससे संबंधित नोटीफिकेशन जारी करना होगा ताकि उनमें में लोकेशन ट्रैकिंग और इमरजेंसी बटन लगाया जा सके. किसी भी राज्य में ट्रैंकिंग डिवाइस उपलब्ध कराने वाले निर्माताओं के एकाधिकार को खत्म करने के लिए केंद्र ने गाइडलाइन जारी की है जिससे वाहन मालिक खुद इस बात का चुनाव कर सकते हैं कि उन्हें किस कंपनी ट्रैकिंग डिवाइस लगवाना है।

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