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लोकसभा में एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा फिर से होगी शुरू

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नई दिल्ली, 9अगस्त। लोकसभा में विपक्ष द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज भी चर्चा जारी रहेगी। सदन में इस प्रस्‍ताव पर कल चर्चा आरंभ हुई। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि विपक्षी गठबंधन-आईएनडीआईए मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लेकर आया है क्योंकि राज्य न्याय की मांग कर रहा है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं गये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। गौरव गोगोई ने मणिपुर के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि वे राज्य में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह से विफल रहे हैं।

तृणमूल के सौगत रॉय ने कहा कि भाजपा ने पश्चिम बंगाल में एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था, लेकिन मणिपुर में एक भी प्रतिनिधिमंडल नहीं भेजा। राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले ने हिंसा पर मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने मणिपुर में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताई। शिवसेना -यूबीटी के अरविंद सावंत ने आरोप लगाया कि केंद्र 70 दिनों तक मणिपुर मुद्दे पर चुप रहा। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने जम्‍मू कश्‍मीर का मामला उठाया। उन्‍होंने कहा कि अनुच्‍छेद 370 को निष्‍प्रभावी किए जाने के चार साल बाद भी विधानसभा चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं।

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा के निशिकांत दुबे ने नवगठित विपक्षी गठबंधन की एकता पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन के दौरान समाजवादी पार्टी, राष्‍ट्रीय जनता दल और तृणमूल सहित विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए और कार्रवाई की गई। बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि इसका गिरना तय है। सदन में विपक्षी दलों द्वारा किए गए व्यवधान पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि विघटनकारी राजनीति का अतीत में कोई लाभ नहीं हुआ और भविष्य में भी ऐसा नहीं होने जा रहा है।

बहस में हस्तक्षेप करते हुए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि केंद्र के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ऐतिहासिक है क्योंकि नए संसद भवन में सत्र शुरू होने से पहले ही यह गिर जाएगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गठबंधन को आईएनडीआईए का नाम देने से कुछ नहीं होगा क्‍योंकि यह भारत के खिलाफ काम कर रहा है।सत्‍त पक्ष और विपक्ष के कई और सांसदों ने भी चर्चा में हिस्‍सा लिया।

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