PBK NEWS | नई दिल्ली । एनडीए सरकार ने राज्यों में अपने मीडिया प्रचार तंत्र को मजबूत करने की रणनीति के तहत भारतीय सूचना सेवा के कैडर में व्यापक बदलाव किए हैं। इसके तहत राज्यों को पांच जोन में बांटते हुए महानिदेशक स्तर के अधिकारियों को दिल्ली से बाहर इन पांच जोन के मुख्यालयों में तैनात करने का फैसला किया गया है। वहीं लगभग सभी बड़े राज्यों में अपर महानिदेशक स्तर समेत प्रेस इनफारमेशन ब्यूरो के वरिष्ठ अफसरों की तैनाती का भी फैसला किया गया है।
सूचना सेवा में पिछले साल हुए कैडर रिव्यू के बाद राज्यों में केंद्र के प्रचार महकमे को चौकस करने के इस ताजा फैसले को सूचना प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने मीडिया और प्रचार रणनीति के लिए सभी राज्यों को जिन पांच जोन में बांटा है उसमें उत्तर क्षेत्र का मुख्यालय लखनऊ को बनाया गया है। लखनऊ में बैठने वाले पीआईबी डीजी उत्तरप्रदेश के साथ उत्तर क्षेत्र के दूसरे राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड की कमान भी संभालेंगे। इन सभी राज्यों की राजधानी में एडीजी स्तर के अधिकारी भी अब तैनात किए जाएंगे।
दक्षिण क्षेत्र के पीआईबी डीजी का मुख्यालय चेन्नई होगा और इसमें दक्षिण भारत के सभी राज्यों के साथ पुड्डूचेरी, अंडमान निकोबार और लक्षद्वीप भी शामिल होंगे। इसके साथ पांच एडीजी स्तर के अधिकारी भी इन राज्यों के प्रचार की रणनीति को सिरे चढ़ाएंगे।
पूर्वी क्षेत्र के डीजी पीआईबी का मुख्यालय कोलकाता में होगा। इसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और ओडि़शा शामिल हैं। जबकि पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के लिए उत्तर पूर्व जोन बनाया गया है। उत्तर पूर्व जोन के डीजी गुवाहाटी में बैठेंगे तो इस क्षेत्र के लिए एडीजी का एक पद इंफाल में सृजित किया गया है।
पश्चिम क्षेत्र के पीआईबी डीजी का मुख्यालय मुंबई में होगा। इस जोन में महाराष्ट्र के साथ मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, गोवा, दमन-दीव, और दादरा नागर हवेली शामिल होंगे। पश्चिम क्षेत्र के राज्यों में पांच एडीजी स्तर के अधिकारी मुंबई, भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और रायपुर में बैठेंगे। जोन मुख्यालय में तैनात एडीजी अपने अधीनस्थ राज्यों में केंद्र सरकार के मीडिया व प्रचार प्रबंधन की रणनीति का संचालन करेंगे। जबकि राज्य मुख्यालयों में तैनात एडीजी इसे जमीनी स्तर पर अपने अधीनस्थ अधिकारियों के जरिए इसे कार्यान्वित कराएंगे। गौरतलब है कि केंद्र प्रायोजित कई योजनाओं का श्रेय कई राज्य सरकारें बटोरने से परहेज नहीं करती रही हैं। राज्यों मे केंद्र के प्रचार तंत्र की प्रबंधन की कमी इसकी एक बड़ी वजह रही है। इसके मद्देनजर ही सूचना सेवा कैडर के रिव्यू के बाद वेंकैया नायडू ने वरिष्ठ अफसरों को दिल्ली से बाहर राज्यों में भी भेजने का फैसला किया है।
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