PBK NEWS | कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक फैसले से फिर विवाद उत्पन्न हो सकता है। सांप्रदायिक तुष्टिकरण को लेकर अक्सर भाजपा के निशाने पर रहने वाली ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि मोहर्रम के कारण इस साल दुर्गा पूजा के बाद होने वाले मूर्ति विसर्जन पर 30 सितंबर की शाम 6 बजे से लेकर 1 अक्टूबर तक रोक रहेगी।
No idol immersion after 6 pm on Dashami (Sept 30) till Oct 1 due to Muharram processions, immersion will resume from Oct 2: WB CM M Banerjee pic.twitter.com/VMVuTBRlyy
— ANI (@ANI) August 23, 2017
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘इस वर्ष दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक ही दिन पड़ रहा है। मोहर्रम के 24 घंटों को छोड़कर 2, 3 और 4 अक्टूबर को मूर्ति विसर्जन किया जा सकता है।’ ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि मुहर्रम के जुलूसों के चलते दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर यह रोक रहेगी। कोलकाता हाईकोर्ट में पिछले साल दायर की गई तमाम जनहित याचिकाओं के बावजूद इस साल भी ऐसा किया जा रहा है।
आपको बता दें कि पिछले साल भी ममता सरकार ने इसी तरह से मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध जारी किया था क्योंकि तब भी विजय दशमी मुहर्रम से एक दिन पहले मनाया गया था। ममता के इस फैसले के खिलाफ तब कोलकाता हाइकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह एक समुदाय को रिझाने जैसा प्रयास है। अदालत ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा था कि इससे पहले कभी विजयदशमी के मौके पर मूर्ति विसर्जन पर रोक नहीं लगी थी। हाई कोर्ट ने सरकार के निर्णय को ‘मनमाना’ करार दिया था और ‘जनता के अल्पसंख्यक वर्ग को खुश करने’ का राज्य द्वारा ‘स्पष्ट प्रयास’ कहा था।
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