बादशाहपुर, 27 नवम्बर (अजय) : गुरुग्राम शहर के विकास के लिए महापौर की योजनाओं की जरूरत पड़ती है, जिसके बाद ही शहर का सम्रग विकास हो पाता है। जिसके के लिए शहर में नये महापौर के निर्वाचित होने के बाद ही अब शहर के आगे के विकास कार्य बढ़ पायेगें। उक्त बातें ओबीसी मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष उषा प्रियदर्शी ने कही उन्होंने कहा कि शहर में जब नई मेयर का चयन होगा विकास कार्य तेज रफ्तार से शहर में कराने का कार्य किया जायेगा। जिसके लिए विभिन्न योजनाओं पर बुलेट गति से कार्य किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में रहने वाली जनता के लिए दैनिक जीवन में पीने का पानी, रोशनी, साफ- सफाई सड़कें, चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पार्क इत्यादि का विशेष महत्त्व है। इन सबकी व्यवस्था जनता के लिए नगर निगम करती हैं। नगरों तथा महानगरों की इतनी विशाल जनसंख्या को इन सबकी तमाम सुविधाएं मुहैया कराना नगर निगम का कार्य होता है। गुरुग्राम जेसे शहर में नगर निगम शहर की सरकार के रूप में कार्य करती हैं। जिसे नगर-निगम तथा कॉरपोरेशन भी कहते हैं। नगर-निगम के पार्षद जनता द्वारा ही चुने जाते हैं, जिसका क्षेत्र की जनता को इंतजार है। चुनाव के लिए प्रत्येक शहर को वार्डों में बांट दिया जाता है, नये गाँव शामिल होने से अब इसके लिए अभी गुरुग्राम और मानेसर की वार्डबंदी होनी है। इस बार मानेसर और गुरुग्राम दोनों के नगर निगम के अध्यक्ष को महापौर मेयर को भी सीधे जनता वोट करके चुनने का कार्य करेगी। पहले महापौर का चुनाव नगर निगम के सदस्य करते हैं लेकिन अब जनता सीधे चुनेगी। इस बार गुरुग्राम में पार्षदों की संख्या 40 हो सकती है तो मानेसर में पार्षदों की संख्या 20 हो सकती है। गुरुग्राम और मानेसर जेसे शहर में नागरिकों के लिए आवागमन हेतु चौड़ी सड़कों का निर्माण, मरम्मत का कार्य नगर निगम द्वारा किया जाता है।
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