PBK NEWS | नई दिल्ली। दुनिया की बड़ी फास्ट-फूड चेन में से एक मैक्डॉनल्ड ने सोमवार को जानकारी दी है कि वह भारत के उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में अपने 169 रेस्तरां को बंद करने की योजना बना रहा है। इसकी प्रमुख वजहों में अपने लोकल पार्टनर्स के साथ बढ़ रहे विवाद को बताया जा रहा है और संभवत: कंपनी के इस फैसले से हजारों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। आपको बता दें कि अमेरिकी फास्ट फूड कंपनी मैक्डॉनल्ड के देश में कुल 430 आउटलेट हैं।
मैक्डॉनल्ड ने क्यों लिया फैसला: अमेरिकी कंपनी मैक्डॉनल्ड का कहना है कि वह ऐसी कार्रवाई करने के लिए “मजबूर” था क्योंकि उनके पार्टनर कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट प्राइवेट लिमिटेड (सीपीआरएल) ने अपने फ्रेंचाइज समझौते की शर्तों का उल्लंघन किया था। हालांकि जब इस बारे में मैक्डॉनल्ड्स से बात करने की कोशिश की गई तो सोमवार को उसने किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया से इनकार कर दिया। हालांकि उसने कहा कि इससे कर्मचारियों, सप्लायर और लैंड-लॉर्ड्स पर पड़ने वाले असर को कम करने की कोशिश की जाएगी, जो कि आउटलेट बंद होने से प्रभावित हो सकते हैं।
क्या कहना है सीपीआरएल का: सीपीआरएल के प्रबंध निदेशक विक्रम बख्शी ने रायटर्स को बताया कि यह फैसला एक “बड़ा झटका” है। साथ ही कंपनी इस पर सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। मैक्डॉनाल्ड के एक फैसले के बाद बख्शी ने कहा कि कंपनी का यह निर्णय एनसीएलटी यानी नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल के आदेश को चुनौती देने वाला है। इसके खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाये जाएंगे। एनसीएलटी ने विवाद सुलझाने के लिए सीपीआरएल बोर्ड की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि मैक्डॉनल्ड के नोटिस का समय संदेह पैदा करता है क्योंकि प्रशासक की ओर से सोमवार को बुलाई गई पहली बोर्ड बैठक के दिन सुबह ही यह नोटिस दिया गया।
क्या है मामला?
अमेरिका की दिग्गज कंपनी मैकडॉनल्ड्स और कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट्स (सीआरपीएल) के बीच काफी समय से कानूनी लड़ाई चल रही है। अगस्त 2013 में सीपीआरएल के मैनेजिंग डायरेक्टर पद से विक्रम बख्शी को हटाने के बाद से ही बख्शी और मैकडॉनल्ड्स के बीच लड़ाई जारी है। बख्शी ने इस विवाद को कोर्ट में चुनौती दी है। बख्शी की ओर से पैरवी करने वाले वकील एएस चंडोक, जिन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने आरोपों से इनकार किया ने बताया, “वो इसलिए हटाए गए क्योंकि मैकडॉनल्ड्स को लग रहा था कि बख्शी अनियमित वसूली गतिविधियों में शामिल थे, इसलिए कंपनी चाहती थी कि वो बाहर चले जाएं।”
हजारों लोग होंगे बेरोजगार: इस फैसले से हजारों लोगों की नौकरियां जाने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। साथ ही यह भारत में तेजी से बढ़ते रेस्तरां बाजार में मैक्डॉनल्ड्स के शेयर्स को भी नुकसान पहुंचा सकता है, जहां यह पहले से ही इसका प्रतिद्वंदी डोमिनोज पिज्जा इसकी पकड़ को लगातार कमजोर कर रहा है। सीपीआरएल की सदस्य मधुरिमा बख्शी ने बताया, “मैकडॉनल्ड्स-सीपीआरएल फ्रैंचाइज़ी के तहत उत्तर और पूर्व भारतीय आउटलेट्स ने 6,500 लोगों को सीधे और अन्य लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दिया है।” एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित रिपोर्ट बताती है कि मैकडॉनल्ड के इस कदम से भारत में करीब 10,000 लोगों की नौकरियां जाने का खतरा मंडरा रहा है।
देश में दो फ्रेंचाइजी कंपनियों के जरिये कारोबार करती है कंपनी: मैक्डॉनल्ड्स इंडिया देश में दो फ्रेंचाइजी कंपनियों के जरिये कारोबार करती है। इस कंपनी में भागीदार विक्रम बख्शी की 50 फीसद हिस्सेदारी है। अनुबंध रद करने के नोटिस में सीपीआरएल को मैक्डॉनल्ड का ब्रांड अपने 169 आउटलेटों पर इस्तेमाल करने से रोक दिया गया है।
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