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हड्डी रोग के इलाज में दवाओं की भूमिका अहम नहीं : डॉ. श्रृंगारी

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बादशाहपुर, 24 फरवरी (अजय) : पोलरिस अस्पताल में आज मेडिकल केम्प लगाया, जिसमे हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. टी.श्रृंगारी ने मरीजो को जानकारी देते हुए कहा कि हड्डी रोगों में इलाज के लिए दवाइयों की जरूरत ज्यादा नही होती। उन्होंने कहा कि हड्डी रोगों में ज्यादातर फिजियोथिरपी अहम भूमिका निभाती है।

डॉ. श्रृंगारी ने बताया कि हड्डी रोग के इलाज में दवाओं की कोई भूमिका नहीं है। किसी भी मरीज के हड्डी टूटने, घुटने में खराबी आने और पीठ की नस दबने पर सिर्फ नश्तर चलाना ही इलाज है। हड्डी की बीमारी में दवाओं से अधिक फिजियोथिरपी की भूमिका है। उन्होंने बताया कि अधिकांश हड्डी रोग के इलाज में ऑपरशन ही एकमात्र इलाज होता है। उन्होंने बताया कि किसी भी मरीज को कमर दर्द, पैर में सुन्नपन, दो कदम चलने, खड़े होने में कठिनाई हो तो यह खतरे की घंटी है। पैर में नियमित रूप से दर्द रहे तो ऐसी सभी परिस्थियों में हड्डी रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। इनका समय पर इलाज न हो तो बाद में मरीज स्थायी रूप से विकलांग हो सकता है। उन्होंने बताया कि स्पाइनल कॉड में दबाव आने से मूत्र त्याग पर नियंत्रण नहीं रह जाता। इसके पूर्व ही कमर दर्द आदि लक्षण मिलने पर मरीज को एक्स-र, सिटी स्कैन और एमआरआई जांच से बीमारी की जांच करा लेना चाहिए कि किस स्थान के नस पर अधिक दवाब हो रहा है।

हड्डी रोग से बचाव का बेहतर तरीका है कि जोड़ों का सामूहिक रूप से व्यायाम करे। वातानुकूलित कमर में सिर्फ कैल्सियम की गोली खाने से हड्डी मजबूत नहीं हो सकती । हड्डी को मजबूत बनाने के लिए धूप का सेवन आवश्यक है। धूप में टहलने और त्वचा के माध्यम से होनेवाले मेटाबोलिज्म से ही हड्डियों को विटामिन-डी मिलती है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए सबसे बेहतर तरीका है प्रकृति के साथ रहें।

फोटो : पोलरिस अस्पताल में मरीज का इलाज करते हुए डॉक्टर टीम

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