पर्यटन मंत्रालय गोवा में 19 से 22 जून, 2023 तक चौथी जी-20 पर्यटन कार्य समूह बैठक और मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित करेगा
बैठक से इतर क्रूज टूरिज्म और वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल अन्य प्रमुख कार्यक्रम होंगे
पर्यटन मंत्रालय गोवा में 19 से 22 जून, 2023 तक चौथी जी-20 पर्यटन कार्य समूह बैठक और पर्यटन मंत्रीस्तरीय बैठक आयोजित करने जा रहा है। आज नई दिल्ली में मीडिया को जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव श्रीमती वी. विद्यावती ने कहा कि भारत के जी-20 पर्यटन ट्रैक के तहत ये पर्यटन कार्य समूह आपस में जुड़े पांच प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर काम कर रहा है। ये क्षेत्र हैं – हरित पर्यटन, डिजिटलीकरण, कौशल, पर्यटन एमएसएमई और डेस्टिनेशन प्रबंधन। ज्यादा जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ये पर्यटन कार्य समूह दो प्रमुख चीजों पर काम करेगा – सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक वाहन के तौर पर पर्यटन के लिए गोवा रोडमैप और जी-20 पर्यटन मंत्रियों द्वारा की जाने वाली घोषणा। इन दोनों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बैठक के दौरान जी-20 सदस्य देश, आमंत्रित देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन इन दोनों दस्तावेजों का स्वागत और समर्थन करेंगे।
उन्होंने ये भी कहा कि गोवा में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक और पर्यटन मंत्रीस्तरीय बैठक का उद्देश्य आर्थिक विकास को मजबूत करना, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, पर्यटन को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र का सतत विकास करना है।
पर्यटन मंत्रालय जी-20 सदस्य देशों के पर्यटन मंत्रियों, प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों, आमंत्रित देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की इस भागीदारी का स्वागत करता है, ताकि वे पर्यटन क्षेत्र को आगे बढ़ाने और 2030 के संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सामूहिक रूप से काम कर सकें।
क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘क्रूज पर्यटन को सतत और जिम्मेदार ट्रैवल का मॉडल बनाना’ विषय पर एक साइड इवेंट आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में जी-20 सदस्य देशों, आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और उद्योग जगत के हितधारकों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी। इस आयोजन में विश्व स्तर पर क्रूज पर्यटन के विकास की चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इस दौरान जी-20 के सदस्य देशों और मेहमान देशों के सम्मानित वक्ताओं की एक पैनल चर्चा होगी। ये क्रूज पर्यटन के विभिन्न पहलुओं, इसके विकास और क्रूज पर्यटन को टिकाऊ व जिम्मेदार बनाने की जरूरत को लेकर देश विशिष्ट नीतियों और पहलों पर रोशनी डालेगी।
श्रीमती वी. विद्यावती ने कहा कि मुख्य कार्यक्रम के साथ-साथ एक राष्ट्रीय स्तर का साइड इवेंट भी आयोजित किया जा रहा है। ये इवेंट ‘भारत को क्रूज़ पर्यटन का हब बनाना’ विषय पर केंद्रित होगा। इसमें इस देश में स्थिरता के सिद्धांतों का पालन करते हुए क्रूज पर्यटन का विकास करने से जुड़ी विभिन्न चुनौतियों और अवसरों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
इस कार्यक्रम के दौरान चर्चा के प्रमुख क्षेत्र होंगे – क्रूज पर्यटन (तटीय, द्वीपीय, क्षेत्रीय और नौकायन) के कई पहलुओं पर विचार-विमर्श, तटीय राज्यों का नजरिया, अंतर्देशीय जलमार्गों के निजी और सरकारी हितधारक, नदियों के तटवर्ती राज्यों का नजरिया। इस आयोजन में देश के प्रमुख राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, उद्योग जगत के हितधारकों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की भागीदारी देखने को मिलेगी।
उन्होंने बताया, “हमारा पर्यटन मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के सहयोग से एक साइड इवेंट भी आयोजित कर रहा है जिसका शीर्षक है – ‘पर्यटन में प्लास्टिक का एक सर्कुलर अर्थव्यवस्था की ओर कदम – वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल’।”
ये साइड इवेंट पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों के जुड़ाव को प्रोत्साहन देने पर ध्यान केंद्रित करेगा, ताकि पूरी की पूरी पर्यटन मूल्य श्रृंखला में सर्कुलर तरीकों से प्लास्टिक प्रदूषण को हल किया जा सके। इस कार्यक्रम में वैश्विक पर्यटन प्लास्टिक पहल (जीटीपीआई) द्वारा प्रस्तावित एक्शन फ्रेमवर्क पर एक उच्च-स्तरीय परिचय टिप्पणी और मुख्य प्रस्तुति शामिल होगी। इसके बाद पर्यटन क्षेत्र के हितधारकों के साथ एक पैनल चर्चा होगी और एक हस्ताक्षर समारोह होगा ताकि विभिन्न संगठनों द्वारा जीटीपीआई का पालन करने का स्वागत किया जा सके।
इसके अलावा, विश्व यात्रा एवं पर्यटन परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) और संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) के सहयोग से 21 जून 2023 को गोवा में पर्यटन मंत्रालय द्वारा एक ‘सार्वजनिक निजी संवाद: जी-20 अर्थव्यवस्थाओं के लिए ट्रैवल और पर्यटन का महत्व’ भी आयोजित किया जा रहा है। ये संवाद तमाम प्रतिभागियों के लिए एक अवसर है कि वे अपनी प्राथमिकताओं और चिंताओं को साझा कर सकें तथा पारस्परिक समर्थन और ज्यादा से ज्यादा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के अवसरों की पहचान कर सकें। ये चर्चा जी-20 पर्यटन ट्रैक के लिए तय किए गए प्राथमिकता वाले पांच क्षेत्रों पर निजी क्षेत्र का नजरिया भी प्रस्तुत करेगी और उसे साथ मिलाएगी। निजी क्षेत्र के लिए इन प्राथमिकताओं के महत्व व प्रासंगिकता पर और सार्वजनिक क्षेत्र की ओर से समर्थन व सहयोग के संभावित क्षेत्रों पर बातचीत के साथ ये संवाद शुरू होगा।
पर्यटन सचिव ने बताया कि कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले देशों द्वारा सतत पर्यटन पर अपनी अच्छी प्रथाओं और केस स्टडीज को एक डैशबोर्ड पर साझा किया जाएगा, जिसे इसी उद्देश्य के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये एक गतिशील डैशबोर्ड होगा जो विभिन्न देशों के लिए सीखने के एक मंच के रूप में काम करेगा और ये केस स्टडीज अगले तीन वर्षों तक इस पर अपलोड की जाती रहेंगी।
पर्यटन सचिव ने ये भी टिप्पणी की कि 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के अवसर पर ही जी-20 के चौथे पर्यटन कार्य समूह की बैठक और पर्यटन मंत्रीस्तरीय बैठक हो रही है। उसे देखते हुए गोवा सरकार द्वारा एक विशेष योग सत्र आयोजित किया जा रहा है।
ये सत्र जी-20 के तमाम पर्यटन मंत्रियों और प्रतिनिधियों को योग का एक आकर्षक अनुभव प्रदान करेगा। बैठक की व्यस्त कार्यवाही के बीच ये उन्हें शांति और ध्यान के कुछ क्षण प्रदान करेगा। ये पर्यटन क्षेत्र में वेलनेस प्रथाओं को शामिल करने के महत्व पर रोशनी डालता है और समग्र कल्याण के महत्व पर जोर देता है।
इस अवसर पर अपर सचिव श्री राकेश वर्मा ने प्रस्तुति दी जिसमें इस बैठक के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और शेड्यूल के बारे में बताया गया।
जी-20 के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों को गोवा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दिखलाने के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान इन कार्यक्रमों को प्रदर्शित किया जाएगा: लैम्प डांस, कथक डांस, गोवा का मांडो म्यूजिक एंड डांस प्रेजेंटेशन, देखनी नृत्य, मुसळ खेल (पेस्टल नृत्य) और गोमंत रंग। इन प्रतिनिधियों को गोवा के स्थानीय आकर्षणों का अनुभव करने का भी अवसर मिलेगा। निचले अगुआड़ा किले और जेल संग्रहालय में भ्रमण की योजना बनाई गई है। यूनेस्को के इन विश्व धरोहर स्थलों के भ्रमण का अनुभव भी लिया जाएगा: गोवा के चर्च और कॉन्वेंट, जैसे बेसिलिका ऑफ बॉम जीसस, चर्च ऑफ सेंट फ्रांसिस ऑफ असीसी तथा एसई कैथेड्रा लैंड आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम।
इस बैठक के दौरान तमाम प्रतिनिधिगण राज्य सरकार द्वारा आयोजित कला और शिल्प बाजार का भी दौरा करेंगे। इसमें स्थानीय हस्तशिल्प, कारीगरों के काम, सामुदायिक भागीदारी के महत्व को प्रदर्शित किया जाएगा। क्राफ्ट बाजार में स्वयं द्वारा की जाने वाली गतिविधियों के जरिए व्यावहारिक अनुभव देने की योजना बनाई गई है।
पर्यटन मंत्रालय इन प्रतिनिधियों को ये स्मृति चिन्ह देकर गोवा के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगा:
- कशीदाकारी वाले स्टोल/स्कार्फ (हस्तनिर्मित कुनबी फ़ैब्रिक से निर्मित)
- जी.आई. काजू फेनी मिनिएचर
- टेराकोटा का कमल के आकार का अगरबत्ती स्टैंड
- अपसाइकिल की हुई नेचुरल सेंटेड कैंडल, जिसे बेकार बोतल से बनाया गया है
- भुना हुआ ऑर्गेनिक गोवा काजू
- अज़ुलेहो टाइल जड़ाई वाली रीसाइकल की हुई लकड़ी की ट्रे
- गोवा की हाउस विंडो
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