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डेरा सच्‍चा सौदा से छुड़ाई गई नाबालिग शाही बेटियों को गोद देगी सरकार

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PBK NEWS | चंडीगढ़ । सिरसाा के डेरा सच्चा सौदा से छुड़ाई गई नाबालिग शाही बेटियों को सरकार गोद देगी। ये वे बेटियां हैैं, जिनके मां-बाप अथवा रिश्तेदारों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका है। हालांकि डेरे से छुड़ाई गई 14 नाबालिग बेटियों को उनके परिवारों को सौंपा जा चुका है। पांच बेटियों के रिश्तेदारों का कुछ पता नहीं चल पाया है। अगले एक माह के भीतर यदि इन बेटियों को लेने उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा तो कानूनी प्रक्रिया अपनाकर इन्हें गोद दे दिया जाएगा।

एक माह में कोई परिजन नहीं आया तो मेरिट पर गोद दी जाएंगी बेटियां

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा के बाद सिरसा डेरे से इन बच्चियों को छुड़ाया गया था। उस समय डेरे में 37 लड़कियां थीं, जिनमें से 18 बालिग लड़कियों ने अपनी मर्जी से डेरे में रहने, शिक्षा हासिल करने और जीवनयापन की इच्छा जाहिर की थी। सरकार शेष 19 नाबालिग लड़कियों को डेरे से छुड़ाकर ले आई थी। डेरे के अनाथ आश्रम में रहने वाली इन बच्चियों को शाही बेटियां बोला जाता है। आरंभ में इन बेटियों को सोनीपत में रखा गया।

14 नाबालिग बेटियों को पहले ही सौंपा जा चुका उनके परिजनों को, पांच के परिजनों का नहीं चल सका पता

डेरा प्रमुख को सजा हुए तीन माह बीत चुके हैं। इस अवधि में सोनीपत के डीसी, जिला बाल कल्याण अधिकारी और जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने तमाम प्रयास कर बच्चियों के परिवार के सदस्यों से संपर्क किया। लड़कियों की काउंसलिंग की गई, जिसके बाद इन्हें रिश्तेदारों तक पहुंचाया गया। इस तरह 14 लड़कियों को उनके परिवार नसीब हो गए।

बाकी बची पांच नाबालिग बच्चियों के परिवार अथवा रिश्तेदारों के बारे में जब कोई जानकारी नहीं मिली तो सरकार को इन बच्चियों को गोद देने की प्रक्रिया को अमल में लाना पड़ा। सरकार ने इन शाही बच्चियों की फोटो सार्वजनिक कर दी हैं। एक माह की अवधि में यदि इन बच्चियों का कोई परिजन उन्हें नहीं लेने आता तो सभी बच्चियों को मेरिट के आधार पर गोद दे दिया जाएगा।

पांच बच्चियों के अलावा दो अन्य बच्चे भी दिए जाएंगे गोद

इन बच्चियों में पांच साल की कर्मरीत, छह साल की खुशलीन, 10 साल की सुरुचि, 14 साल की अंजलि उर्फ रिंपी और 16 साल की गुरबहार उर्फ मेघना शामिल हैैं। एक बच्ची आठ साल की पुंथी है, जिसे केरल से यहां भेजा गया था। इसके अलावा एक बच्चा 10 साल का है जो मंदबुद्धि है। इन दोनों बच्चों को भी गोद दिया जाएगा।

हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की थी 14 बच्चियां

प्रदेश सरकार की ओर से जिन 14 बच्चियों को उनके परिजनों को सौंपा गया है, वे सभी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान की थी। सिरसा की जिला बाल संरक्षण अधिकारी गुरप्रीत कौर के अनुसार कई अभिभावक ऐसे आए, जिन्होंने अपनी बच्चियों को पहली बार देखा था। वे अपने बच्चों को जन्म के तुरंत बाद डेरे में छोड़ गए थे। तब इन बच्चों और परिवार का मिलन दिल को छू लेने वाला था।

News Source: jagran.com

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