[post-views]

सियासी मुद्दों पर केंद्र से जुदा राय रखने वाले CM केजरीवाल अब दिखेंगे संग-संग

166

नई दिल्‍ली। तमाम सियासी मुद्दों पर जुदा राय रखने वाले दो दल अब एक साथ दिखेंगे। जी हां, राजनीतिक गतिरोध के बावजूद पर्यावरण मामले में मोदी और केजरीवाल सरकार मिलकर काम करेगी। 10 से 23 फरवरी तक दिल्ली में प्रदूषण की सफाई के लिए दोनों ही सरकारें एक साथ दिखेंगी। दोनों सरकारों का यह संयुक्‍त अभियान सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

प्रदूषित हो चुकी दिल्‍ली में केंद्र और राज्‍य सरकार मिलकर हवा साफ करेंगी। इसके लिए दोनों सरकार संयुक्‍त अभियान चलाएंगी। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के साथ नियमों को तोड़ने वालों को दोषियों पर सख्त कार्रवाई भी की जाएगी।

पर्यावरण एवं वन मंत्री इमरान हुसैन ने बताया कि इस अभियान के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्‍होंने कहा कि दिल्ली की हवा से प्रदूषण को न्यूनतम स्तर पर ले जाने के सभी प्रयास किए जाएंगे। इसके लिए दिल्ली में 66 टीमें बनाई गई हैं।

एसडीएम की निगरानी में हर सब डिविजन में दो टीमें प्रदूषण कम करने का काम करेंगी। हुसैन ने बताया कि इस दौरान नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें कूड़ा जलाने, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, ट्रैफिक जाम पॉइंट, सड़कों पर गाड़ी खड़ी करने, खोदने और सड़कों की धूल, इंडस्ट्री से निकलने वाला धुआं, कंस्ट्रक्शन और डिमॉलिश वेस्ट, डीजल जेनसेट के प्रयोग करने पर कड़ी कार्रवाई होगी।

इस अभियान की शुरुआत 10 फरवरी को जोर बाग के इंदिरा पर्यावरण भवन से होगी। इस कैंपेन के दौरान सेमिनार, वर्कशॉप जैसे कार्यक्रम का आयोजन होगा। बता दें कि इस समय दिल्ली का एयर इंडेक्स 256 के आसपास है।

दिल्‍ली सरकार का ‘ग्रीन बजट’

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए एक खास रणनीति तैयार किया है। इस बार बजट का फोकस प्रदूषण को रोकने पर होगा, जिसे ‘ग्रीन बजट’ का नाम भी दिया गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया के ऑफिस ने दूसरे सभी विभागों के साथ मिलकर इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं।

इसके लिए  5 प्रमुख विभागों ( पर्यावरण, ट्रांसपोर्ट, इंडस्ट्रीज, एनर्जी और पीडब्लूडी) को मिलकर एक व्यापक एक्शन प्लान बनाने के लिए भी कहा गया है, ताकि उसके आधार पर सरकार बजटीय प्रावधान कर सके।

सरकार ने सभी विभागों के प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे आपस में बैठकर चर्चा करें और फिर एक्शन प्लान बनाएं। प्लान ऐसा हो, जिस पर अमली जामा पहनाने से दो साल के अंदर उसका असर दिल्ली के पर्यावरण पर साफतौर से नजर आ सके और प्रदूषण में वास्तविक रूप से कमी आए।

इसके लिए विभागाें में मीटिंगों का दौर शुरू हो चुका है। पर्यावरण प्रदूषण से जुड़ी कुछ प्रमुख संस्थानों की स्टडी रिपोर्ट्स और रिकमंडेशंस का भी बारीकी से अध्ययन करने के लिए कहा गया है! उसके आधार पर दो-तीन ऐसे सुझाव सामने आ सकें, जो प्रैक्टिकल हों, अमल किए जाने योग्य हों और जिनका असर भी नजर आ सके।

15 फरवरी से बजट प्रस्तावों पर चर्चा

विभागीय स्तर पर विचार विमर्श करने और तमाम सुझावों को शॉर्टलिस्ट करने के बाद 15 फरवरी से बजट प्रस्तावों पर चर्चा होगी, जिसमें तमाम विभागों द्वारा बताए गए उपायों पर चर्चा करने के बाद उनमें से कुछ खास को चुनकर ग्रीन बजट में शामिल किया जाएगा। दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों के प्रमुखों को साफ निर्देश दिया है कि वे सभी इस मीटिंग में न सिर्फ मौजूद रहें, बल्कि पूरी तैयारी के साथ एक प्रेजेंटेशन भी लेकर आएं, क्योंकि इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम उनसे उनके विभागों से जुड़े सुझावों के बारे में कोई भी सवाल कर सकते हैं।

News Source :- www.jagran.com

Comments are closed.