मुंबई। विश्व प्रसिद्ध रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू अब समाज के सबसे उपेक्षित देह व्यापार में संलग्न स्त्रियों को रामकथा सुनाएंगे। इससे पहले वे किन्नरों के बीच रामकथा का वाचन कर चुके हैं। मोरारी बापू इसके लिए खुद मुंबई के कमाठीपुरा की गलियों में सेक्स वर्कर्स के बीच पहुंचे और रामकथा में आने का न्यौता दिया। मोरारी बापू ने यहां लगभग 60 सेक्स वर्कर्स से भेंट की और कुछ घरों में भी गए। उन्होंने इन सेक्स वर्कर्स को अयोध्या में आगामी रामकथा समागम में आने का न्योता दिया। इस समागम में वह तुलसीदास की मानस गणिका का वाचन करेंगे, जो तुलसीदास की एक वेश्या से बातचीत पर आधारित है।
मोरारी बापू ने अपने सहयोगियों को निर्देश दिया कि इस कार्यक्रम में आने के लिए इन सभी देह व्यापार में संलग्न महिलाओं के आने-जाने और रहने-खाने का निशुल्क इंतजाम किया जाए। कथा 22 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलेगी। मोरारी बापू गुरुवार रात करीब 8:30 बजे कमाठीपुरा पहुंचे। यहां सेक्स वर्कर्स को बताया गया था कि ‘भगवान का एक आदमी’ उनसे मिलने आ रहा है। एक सेक्स वर्कर ने कहा, ‘इस इलाके में कभी कोई भगवान का आदमी नहीं आता, इसीलिए हम देखना चाहते थे कि वह लगते कैसे हैं।’
मोरारी बापू के इलाके में पहुंचते ही धीरे-धीरे वहां भीड़ इकट्ठा होने लगी और लोगों ने उनसे अपनी समस्याएं बताईं। लोगों ने बताया कि उन्हें पुलिस बहुत प्रताड़ित करती है, साथ ही ना रहने के लिए अच्छा घर है और ना ही सफाई की व्यवस्था।
मोरारी बापू ने सभी को ध्यान से सुना। मोरारी बापू ने कथा के बारे में बताते हुए लोगों को संबोधित किया और कहा, ‘वासंती ने तुलसीदास को अपने घर आने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि वह आकर राम के बारे में बताएं। वासंती ने कहा कि समाज ने मुझे अलग-थलग कर दिया है, लेकिन मुझे भरोसा है कि भगवान सबको एक जैसा मानते हैं। तुलसीदास वासंती के घर गए और राम कथा भी सुनाई।’ उन्होंने कहा कि अयोध्या में उनके इस कार्यक्रम का राम मंदिर मुद्दे से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मंदिर पर मेरे विचार एकदम स्पष्ट हैं कि शांति बनी रहनी चाहिए। मानस गणिका का अयोध्या में पाठ इसलिए हो रहा है क्योंकि यह अयोध्या पर ही आधारित है।’
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