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121 साल पुराने मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर का हो रहा रेस्टोरेशन

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PBK NEWS | मुंबई। लगभग 121 साल पुरानी मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर की इमारत में पहली बार बड़े लेवल पर रेस्टोरेशन(मरम्‍मत) का काम चल रहा है। यइ ऐतिहासिक इमारत ‘एंग्‍लो-गॉथिक स्‍टाइल’ में बनी है, जो बेहद आकर्षित है।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इमारत में मरम्‍मत का काम चल रहा है। 100 साल से ज्‍यादा पुरानी होने के बावजूद इसका आकर्षण बरकरार है, जिसमें रेस्‍टोरेशन के बाद और इजाफा होगा। दक्षिण मुंबई की भीड़-भाड़ वाली मार्केट के पास ये ऐतिहासिक इमारत स्थित है, जिसे आमतौर पर पुलिस आयुक्‍त के कार्यालय के रूप में जाना जाता है।

मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर की इमारत इंजीनियर और सर्वेयर आर्किटेक्चरल एग्जिक्यूटिव जॉन एडम्स द्वारा डिज़ाइन की गई थी। इस इमारत का काम 17 नवंबर 1894 को शुरू हुआ था। इमारत को बनने में लगभग दो साल का समय लगा। 24 दिसंबर 1896 इमारत का उद्धाटन हुआ। उद्घाटन के बाद से यह ऐतिहासिक इमारत विभिन्न पुलिस आयुक्तों का कार्यालय रहा, जिसमें जहांगीर भरूचा, जूलियो रिबेरो, हसन गफ़ूर, सत्यपाल सिंह, संजीव दयाल और राकेश मारिया शामिल हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस चार मंजिला इमारत की मरम्‍मत का काम लोक निर्माण विभाग के प्रेसिडेंसी प्रभाग को सौंपा गया है, जिसपर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च करने का अनुमान है। इमारत के भूतल में एक पुलिस संग्रहालय होगा, जो शहर के अपराध के इतिहास में ऐतिहासिक घटनाओं की यादों को ताजा करेगा। संग्रहालय से जुड़ी एक बड़ी लाइब्रेरी होगी। साथ ही एक शानदार रिकॉर्ड और भंडारण रूम भी होगा। पहली मंजिल पर 50 अधिकारियों के बैठने की क्षमता वाला कॉन्‍फ्रेंस रूम, एक लाउंज और एक प्रतीक्षालय बनाने की योजना है।

उन्होंने कहा, इमारत में पुलिस आयुक्त और पुलिस के संयुक्त आयुक्त (कानून और व्यवस्था) के कार्यालयों का पुनर्निर्माण भी किया जाएगा। हालांकि दूसरी और तीसरी मंजिलों को सुधारने की योजना को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इंटरनल रेस्‍टोरेशन का काम अगले तीन महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जबकि पूरे काम में एक साल का समय लगेगा।

मुंबई पुलिस आयुक्त दत्‍ता फड़सालगिकर ने बताया, ‘जैसा कि सब जानते हैं कि यह इमारत काफी पुरानी है, ऐसे में इसका नवीनीकरण और मरम्मत बेहद जरूरी हो गयी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1984 में जब यह इमारत बनी थी तब बिजली नहीं थी और निर्माण कार्य के वक्त गैस लैंपों का इस्तेमाल किया जाता था, खासकर रात के दौरान। अब बिजली की पुरानी वायरिंग को ऑप्टिकल फाइबर केबल से बदला जाएगा।

News Source :- wwww.jagran.com

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