बादशाहपुर, 21 नवम्बर (अजय) : मुर्रा भैंस, पालतू भैंस की एक प्रजाति है, जो दूध उत्पादन के लिए पाली जाती है। यह मूलतः अविभाजित पंजाब का पशु है किन्तु अब दूसरे प्रान्तों तथा दूसरे देशों में भी पाली जाती है। हरियाणा में इसे काला सोना कहा जाता हैै। दूध में वसा उत्पादन के लिए मुर्रा सबसे अच्छी नस्ल है। मुर्रा भैंस के सींग जलेबी आकार के होते हैं। ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम के बादशाहपुर कस्बे में देखने को मिला जहां मुर्रा नस्ल की भैंस के मालिक विनोद यादव पुत्र अजित यादव खोटा कॉलोनी निवासी की मुर्रा भैंस को सरकार ने सर्टिफाइड करते हुए पंजीकरण किया। जिसके साथ भैंस के मालिक को 20 हजार रुपये इनाम के साथ साथ भैंस का बीमा कराते हुए सरकार की तरफ से मालिक को सरकारी योजना का लाभ प्रदान किया। विनोद यादव ने बताया कि उनकी भैंस एक बार मे 22 किलो ग्राम दूध देती है जोकि आम तौर पर अन्य भैंसों के उत्पादन से कही ज्यादा माना जाता है।
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