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म्यूजिक पर पैरों का थिरकना बेस पर निर्भर

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लंदन :  म्यूजिक बजते ही आपके पैर क्यों थिरकने लगते हैं? क्या आपने कभी सोचा है, शायद नहीं। आस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने पाया कि म्यूजिक पर पैरों का थिरकना बेस पर निर्भर करता है। शोध के दौरान निम्न और उच्च आवृत्ति वाली आवाजों यानी लो फ्रीक्वेंसी और हाई-फ्रीक्वेंसी साउंड पर मस्तिष्क के भीतर होने वाले परिवर्तनों का शोधकर्ताओं ने अध्ययन किया।

इन्हीं आवाजों से म्यूजिक की रिदम तैयार होती है। मस्तिष्क की हरकत को समझने के लिए इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफी नामक यंत्र का इस्तेमाल किया गया था। रिसर्चर्स ने पाया कि मस्तिष्क की हर हरकत धुन की आवृत्ति पर निर्भर करती है।

अगर किसी गाने में बेस ज्यादा है तो पैर थिरकने के लिए ज्यादा मचलेंगे और लोग ज्यादा नाचेंगे। वहीं कम बेस वाले गाने लोगों को नाचने पर मजबूर नहीं कर पाते। वैसे आजकल म्यूजिक थेरपी के जरिए भी लोगों का इलाज किया जा रहा है।

आने वाले समय में संगीत न सिर्फ मन को आराम बल्कि इलाज के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है। शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनकी रिसर्च कई तरह की मेडिकल कंडिशन को समझने और इलाज करने में इस्तेमाल हो सकती है।

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