नई दिल्ली, 23सितंबर। गुजरात में वडोदरा स्थित महाराजा सयाजीराव बड़ौदा विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग,विज्ञान संकाय ने जैव रसायन के पहलुओं पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर(डॉ.) विजय कुमार श्रीवास्तव ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की एवं अध्यक्षीय भाषण दिया।
प्रोफेसर(डॉ.) विजय कुमार श्रीवास्तव ने छात्रों को अभिनव समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और प्लास्टिक का नवीन रुप से प्रयोग पर भी बल दिया। विज्ञान संकाय की डीन प्रोफसर हरिभाई कटारिया ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के संपूर्ण प्रदर्शन में विज्ञान संकाय के योगदान से लोगों को अवगत कराया। जैव रसायन विभाग की प्रमुख और समन्वयक प्रोफेसर सी. रत्ना प्रभा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियो के संबंध में जानकारी दी और संगोष्ठी की विषय वस्तु और इसके उद्देश्यों के संबंध में सूचित किया। उन्होंने राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-निस्पर) की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल का आईजेबीबी का विशेष प्रकाशन के लिए धन्यवाद व्यक्त किया। सम्मेलन में देश भर से प्रख्यात वैज्ञानिकों एवं प्रोफेसरों ने भाग लिया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय वीवी नगर,गुजरात के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर हरीश पड़ ने जैव रसायन विभाग के पूर्व छात्र परिषद से परिचय और सीवीआर व्याख्यान श्रृखंला प्रस्तुत की।
उद्घाटन सत्र के बाद विभिन्न पूर्ण सत्रों का आयोजन किया गया। इसमें सुप्रसिद्ध स्ट्रक्चरल बॉयोलोजिस्ट और आईआईएसईआर पुणे के पूर्ण निदेशक प्रोफेसर जयंत बी. उडगांवकर ने भी एक सत्र में भागीदारी की। उडगांवकर की गिनती उन जाने माने अनुसंधानकर्ता में होती है जिन्होंने प्रोटीन फोल्डिंग का अध्ययन करने के लिए एच-डी एक्सचेंज एनएमआर तकनीक का प्रयोग किया है। उन्होंने “हाउ डज प्रीयॉन प्रोटीन मिसफोल्ड??” विषय पर व्याख्यान दिया। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर हरीश पड़ ने सत्र की अध्यक्षता और सीएसआईआर-निस्पर के डॉ. एन के प्रसन्ना ने उपअध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने निस्पर के प्रकाशनों के संबंध में जानकारी दी और बताया कि सीएसआईआर-निस्पर,देश का सार्वजनिक रुप से वित्तपोषित संस्थान है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी की 16 विभिन्न विधाओ में 16 अनुसंधान पत्रिका प्रकाशित कर रहा है एवं यह किसी भी प्रकाशन शुल्क या पहुंच शुल्क के बिना कर रहा है। उन्होंने प्रोटीन फोल्डिंग और प्रोटीन के स्ट्रक्चर फंक्शन रिलेशनशिप के संबंध में विचार विमर्श किया था मिस-फोल्डिंग तथा प्रोटीन के रिफोल्डिंग से जुड़ी बीमारियों पर जोर दिया।
आईआईटी बाम्बे के प्रोफेसर नंदा किशोर सुप्रसिद्ध बॉयोफिजिस्ट और स्ट्रक्चरल बॉयोलोजिस्ट हैं,जो प्रोटीन थर्मोडायनमिक्स में योगदान के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने “मोलेक्यलैर फंगक्शनैलिटीज इन प्रिवेन्टिंग प्रोटीन फिब्रिलैशन- क्वान्टिटेटिव बॉयोफिजिकल अप्रोच” पर संबोधन दिया। आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर राजेश पटकर एवं होस्ट पैथजन इन्टरैक्शन के क्षेत्र में विशेषज्ञ ने फंगल पैथजेनिसिस के दौरान स्मॉल सेकेटॉरी प्रोटीन विद बिग टेलरिंग फंक्शन पर एक रुचिकर वार्ता प्रस्तुत की। फार्मेसी विभाग की डीन प्रोफेसर कृतिका के सावत ने लिम्फैटिक डिलीवरी एक न्यू पेरडाइम फॉर सिस्टेमेटिक और साइट स्पेशिक ड्रग डिलिवरी विषय पर संबोधन किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों से संकाय सदस्यों एवं वैज्ञानिको को आमंत्रित किया गया था। समापन समारोह में कार्यक्रम की समन्वयक प्रोफेसर सी.रत्ना प्रभा ने प्रमुख जानकारी और संगोष्ठी के समग्र महत्व के संबंध में बताया। वडोदरा के एम एस बड़ौदा विश्वविद्यालय के जैव रसायन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रभा के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह का समापन हुआ।
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