नई दिल्लीः सरकार ने बुधवार को बताया कि भारत भर में पिछले तीन वर्षों में हुई सांप्रदायिक हिंसा की विभिन्न घटनाओं मेंत करीबन300 लोगों की जान गयी जिनमें अकेले2017 में111 लोगों की मौत हुई. गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने एक प्रश्न के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में सांप्रदायिक हिंसा की 822 घटना में 111 लोगों की मौत हुई और 2384 अन्य घायल हो गये. वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में हुई 195 सांप्रदायिक घटनाओं में सर्वाधिक 44 लोगों की जान गयी. इसके बाद राजस्थान का नंबर रहा जहां 91 ऐसी घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई.
वर्ष 2016 में देश भर में हुई 703 सांप्रदायिक घटनाओं में 86 लोगों की मौत हुई तथा 2321 लोग घायल हो गये. मंत्री ने बताया कि वर्ष 2015 में देश भर में हुई 751 सांप्रदायिक घटनाओं में 97 लोगों की मौत हुई तथा 2264 लोग घायल हो गये.
2017 रहा था दंगों का साल
इससे पहले साल 2017 के दौरान हुए दंगों की बात करेंं तो इस साल को सांप्रदायिक दंगों के लिए याद किया जाएगा. भारत सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में देशभर में 822 सांप्रदायिक दंगे हुए. वहीं 2016 में 703 और 2015 में 751 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाएं हुई थीं. पिछले साल हुए सांप्रदायिक दंगों में 111 लोगों की जान चली गई तो 2,384 लोग इसकी चपेट में आकर घायल हो गए. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने लोकसभा में बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक हिंसा की 195 घटनाएं हुईं, जिसमें 44 लोगों की जानें गईं और 542 लोग घायल हुए.
वहीं कर्नाटक में साल 2016 के 100 सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के मुकाबले 2017 में 100 घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 9 लोगों की जान गई तो 229 लोग घायल हुए. वहीं राजस्थान में इस तरह की 91 हिंसा की घटनाएं हुईं. यहां 12 लोगों की मौत हुई तो 175 लोग घायल हुए.
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की छोटी-बड़ी 85 घटनाएं हुईं, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई तो 321 लोग चोटिल हुए. बिहार का यह आंकड़ा इसलिए मायने रखता हैं क्योंकि जंगलराज लाने का आरोप झेलने वाली आरजेडी सत्ता से बाहर है और सुशासन का दावा करने वाली जदयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार चल रही है. मध्य प्रदेश में यह आंकड़ा 60 है, जिसमें 9 लोग बेमौत मारे गए और 125 लोग घायल हुए.
साल 2017 में पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की 58 घटनाएं हुईं, जिसमें 9 लोगों की जान गई और 230 लोग घायल हुए. गुजरात में भी संप्रदाय के नाम पर 50 बार हिंसा भड़की, जिसमें 8 की मौत हुई तो 125 चोटिल हुए.
लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि साल 2016 में सांप्रदायिक हिंसा की 703 घटनाओं में 86 लोगों की जान गई थी तो 2,321 लोग घायल हुए थे. वहीं साल 2015 में इस तरह की 751 हिंसा में 97 लोगों की मौत हुई थी और 2,264 लोग घायल हुए थे.
इस रिपोर्ट का अध्ययन करने से पता चलता है कि सरकार ने खुद स्वीकार किया है कि 2016 के मुकाबले 2017 में उन राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में वृद्धि दर्ज की गई है, जहां बीजेपी सत्ता में है. हालांकि इसका एक पहलू ये भी है कि देश के ज्यादातर बड़े राज्यों में बीजेपी की सरकार है.
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