PBK NEWS | नई दिल्ली। देश की सभी पंचायतों तक हाई स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाने की महत्वाकांक्षी भारतनेट परियोजना का दूसरा चरण सोमवार से शुरू किया जाएगा। इस पर कुल 34,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यह जानकारी दी। भारतनेट परियोजना के दूसरे चरण के तहत मार्च, 2019 तक 1.5 लाख ग्राम पंचायतों में हाई स्पीड ब्रॉडबैंड पहुंचाने का लक्ष्य है।
केंद्र सरकार 10 लाख किलोमीटर अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर की सहायता से इन ग्राम पंचायतों को जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में ब्रॉडबैंड और वाई-फाई सेवा के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 75 फीसद सस्ते मूल्य पर बैंडविड्थ मिल सकेगी। सुंदरराजन ने कहा, ‘पहले चरण में एक लाख ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य था। यह चरण इस साल के आखिर तक पूरा हो जाएगा। उम्मीद है कि टेलीकॉम कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में न्यूनतम दो मेगाबिट प्रति सेकेंड (एमबीपीएस) की स्पीड मुहैया कराएंगी।’
दूरसंचार मंत्री मनोज सिन्हा, विधि एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर दूसरे चरण की लांचिंग के मौके पर उपस्थित रहेंगे। दूरसंचार मंत्रलय महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और झारखंड के साथ इस संबंध में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करेगा। ये राज्य केंद्र सरकार की ओर से आंशिक मदद लेकर परियोजना को अपने खर्च पर आगे बढ़ाएंगे।
सुंदरराजन ने बताया, ‘भारतनेट परियोजना की कुल लागत 45,000 करोड़ रुपये है। इसमें से पहले चरण में 11,200 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। देश में दूरसंचार सेवाओं की शुरुआत के बाद से यह ऐसी सबसे बड़ी परियोजना है, जिसमें पूरी तरह से घरेलू स्तर पर निर्मित सामग्री का प्रयोग हो रहा है। भारतनेट का दूसरा चरण पूरा होने के बाद इससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 4.5 लाख करोड़ रुपये के योगदान की उम्मीद है।’ एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में इंटरनेट के प्रयोग में होने वाली हर 10 फीसद बढ़ोतरी से जीडीपी को 3.3 फीसद का फायदा होता है।
पहले चरण में शामिल नहीं हो पाए आठ राज्यों असम, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर व सिक्किम में सरकारी कंपनी बीएसएनएल ऑप्टिकल फाइबर बिछाएगी। वहीं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन को कांट्रेक्ट मिला है। सरकार का अनुमान है कि भारतनेट के दूसरे चरण से देश में ऑप्टिकल फाइबर का स्तर दोगुना हो जाएगा। परियोजना के दौरान 10 करोड़ कार्यदिवस का रोजगार पैदा होने का अनुमान है।
परियोजना के अंतर्गत सभी पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर के लिए कनेक्शन पॉइंट या एक्सचेंज लगाया जा रहा है। इसके बाद टेलीकॉम कंपनियां सरकार से कनेक्शन या बैंडविड्थ खरीदकर उसे ग्रामीण क्षेत्रों में बेच पाएंगी। सुंदरराजन ने कहा कि भारतनेट के तहत रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, आइडिया सेलुलर और वोडाफोन ने सेवाएं देने में रुचि दिखाई है।
NEWS SOURCE :- www.jagran.com
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