पटना, 15जून। बिहार के मंत्री संतोष कुमार सुमन के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की कैबिनेट का विस्तार 16 जून होगा. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के नेता संतोष कुमार सुमन ने कल 13 जून को राज्य सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
संतोष कुमार सुमन ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी द्वारा स्थापित पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) पर विलय के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.
माना जा रा है कि सुमन के इस्तीफे के बाद बाद सहरसा जिले के एक दलित नेता व जदयू के विधायक रत्नेश सदा को मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया गया, जिससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि उन्हें सुमन के स्थान पर मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
बिहार में इस राजनीतिक उथल पुथल जो पिछले साल अगस्त में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद से किसी मंत्री के तीसरे इस्तीफे के रूप में सामने आया, जिससे मंत्रिमंडल के विस्तार की नई मांग को जन्म दिया. इससे पहले राजद कोटे से दो मंत्रियों कार्तिक कुमार और सुधाकर सिंह ने अलग-अलग कारणों से इस्तीफा दे दिया था.
कांग्रेस महागठबंधन की तीसरी सबसे बड़ी घटक है, और वह उम्मीद करती है कि मंत्रिमंडल में मौजूदा दो स्थानों के अलावा कम से कम एक और सीट मिलेगी. कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा था, कैबिनेट विस्तार कुछ समय के बाद होने की उम्मीद है और जब भी यह होगा, यह सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए अच्छा होगा.
पूर्व मुख्यमंत्री और HAM प्रमुख जीतन राम मांझी ने आज पटना में कहा, हमने इतने दिन उन्हें देखा परखा फिर जाकर यह निर्णय लिया कि अब इन्हें छोड़ना ही पड़ेगा. यह जनता की आवाज़ थी. नीतीश कुमार को हमने अपनी बातें कही, उन्होंने कहा कि पार्टी में आ जाएं या फिर बाहर चले जाएं. चाहे ललन सिंह हो, तेजस्वी यादव हो या नीतीश कुमार हो मुझे किसी से व्यक्तिगत परेशानी नहीं है लेकिन जनहित के साथ समझौता नहीं होगा.
जीतन राम मांझी के बयान के बाद, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, वे बड़े हैं, वे कुछ भी कह सकते हैं. अब राज्य में काम हो रहा है या नहीं हो रहा है इसका अगर ठीक से आंकलन किया जाए तो पता चल जाएगा कि कितना काम हो रहा है
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