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नीतीश कुमार हुए नर्म : कांग्रेस के प्रति दिखाया सद्भाव, मीरा कुमार के आने पर पटना छोड़ा

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PBK NEWS | पटना: बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन में सहयोगी नीतीश कुमार और कांग्रेस पार्टी उस खाई को पाटने की कोशिश कर रही हैं, जो राष्ट्रपति पद के लिए अलग-अलग प्रत्याशियों को समर्थन देने की वजह से बनती दिखाई दे रही है.

अब इसे सदाशयता और कांग्रेस के प्रति सद्भावना जताना माना जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को पटना में नहीं रहेंगे, जब कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए तय की गईं प्रत्याशी मीरा कुमार पटना आ रही हैं. नीतीश कुमार स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राजधानी से बाहर चले गए हैं. राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार को 17 विपक्षी दलों की ओर से प्रत्याशी बनाया गया है, जिनका नेतृत्व कांग्रेस कर रही है. इसी गठजोड़ का सदस्य होने के बावजूद नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से खड़े किए गए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला किया, जो बिहार के राज्यपाल थे.

वैसे, विभिन्न क्षेत्रीय दलों तक बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहुंच और असर की बदौलत यह लगभग तय है कि रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में पहुंचने में कामयाब हों जाएंगे.

इसके जवाब में बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा था कांग्रेस ने मीरा कुमार का चुनाव करने में देर कर समूचे विपक्ष को ‘मुसीबत’ में डाल दिया है. गुरुवार को गुलाम नबी आज़ाद ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कबूल किया था कि प्रक्रिया में सचमुच देरी हुई, लेकिन उन्होंने कहा कि ‘जब फैसला करने में बहुत-सी पार्टियां शामिल हों, ऐसा होने से बचा नहीं जा सकता…’

माना जा रहा है कि राहुल गांधी अगले सप्ताह नीतीश कुमार से व्यक्तिगत मुलाकात भी करेंगे. दरअसल, मुख्यमंत्री से विपक्ष की सामूहिक बैठक में शिरकत के लिए दिल्ली आने का आग्रह किया गया है, ताकि उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी का चुनाव किया जा सके. भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव अगस्त में किया जाएगा, और तब तक नए राष्ट्रपति पदग्रहण कर चुके होंगे. कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार वह अधिक निर्णायक तरीके से कदम बढ़ाएगी, और नीतीश कुमार का समर्थन नहीं खोएगी. भले ही नीतीश कुमार विपक्ष की सामूहिक बैठक में शिरकत के लिए प्रतिनिधि नियुक्त कर सकते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि वह राहुल गांधी से मिलने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के शीर्ष नेता शरद यादव ने कहा है, “हम सब विपक्षी एकता के पक्षधर हैं… हम अतीत में इसी के लिए काम करते रहे हैं, और आगे भी विपक्षी एकता के लिए काम करते रहेंगे…” उन्होंने यह भी कहा, “जो बीत गई, सो, बात गई…”

कांग्रेस ने भी मिलते-जुलते विचार व्यक्त किए हैं. गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, “हम साथ हैं, संसद के भीतर भी, बाहर भी… विधानसभा के भीतर भी, बाहर भी…”

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