PBK NEWS | पटना: लालू परिवार पर सीबीआई के छापों के बाद से विपक्ष के निशाने पर आए तेजस्वी यादव के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि वे बीजेपी और उसकी तरह मानसिकता वाले लोगों पर कोई एहसान नहीं करेंगे, जो तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. हालांकि लालू प्रसाद ने भी कहा कि वे बिहार के महागठबंधन पर कोई संकट नहीं आने देंगे.
लालू के कटाक्ष का अर्थ है कि यदि बिहार सरकार का भविष्य तेजस्वी के इस्तीफे पर ही निर्भर है, तो वह यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके बेटे उपमुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दें. क्योंकि नीतीश को लेकर उनकी राय बन रही है कि नीतीश कुमार बीजेपी की तरह सोच रहे हैं.
लालू परिवार पर सीबीआई के छापों के बाद से विपक्ष के निशाने पर आए तेजस्वी यादव के मामले में चुप्पी तोड़ते हुए लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा कि वे बीजेपी और उसकी तरह मानसिकता वाले लोगों पर कोई एहसान नहीं करेंगे, जो तेजस्वी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. हालांकि लालू प्रसाद ने भी कहा कि वे बिहार के महागठबंधन पर कोई संकट नहीं आने देंगे.
लालू के कटाक्ष का अर्थ है कि यदि बिहार सरकार का भविष्य तेजस्वी के इस्तीफे पर ही निर्भर है, तो वह यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनके बेटे उपमुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा दे दें. क्योंकि नीतीश को लेकर उनकी राय बन रही है कि नीतीश कुमार बीजेपी की तरह सोच रहे हैं.
पिछले सप्ताह लालू प्रसाद और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव का नाम भ्रष्टाचार के मामले में उछला था. यदि तेजस्वी अपना पद छोड़ते हैं तो बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी फिर से वापसी हो सकती है. नीतीश कुमार पर उनके सहयोगियों, जिनमें कांग्रेस भी शामिल है, ने आरोप लगाया है कि नीतीश भाजपा के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.
तेजस्वी के खिलाफ सीबीआई में मामला दर्ज होने के बाद नीतीश कुमार ने निजी तौर पर एक तय सीमा में तेजस्वी से अपना रुख साफ करने को कहा था, इस पर लालू प्रसाद ने कोई टीका-टिप्पणी नहीं की थी.
नीतीश कुमार की पार्टी के सूत्रों का कहना है कि तेजस्वी का स्पष्टीकरण उनको उनके पद से हटाने की मांग को कुछ समय तक टाल सकता है. तेजस्वी यादव को कार्यालय से हटा देने की मांग को स्थगित कर सकता है. अगर तेजस्वी इन आरोपों के बीच अपने पद से इस्तीफा देते हैं तो उनका यह कदम सीबीआई समेत अन्य जांच एजेंसियों को अन्य मंत्रियों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा.
लालू यादव ने एनडीटीवी से एक ख़ास मुलाकात में कहा कि बिहार के लोगों ने तेजस्वी को वोट देकर विजयी बनाया है. हमारी पार्टी ने लोगों से मुलाकात कर यह फैसला लिया है कि तेजस्वी इस्तीफा नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि तेजस्वी से इस्तीफा मांगने वाले ये लोग कौन होते हैं, न तो इन्हें जनता ने चुना है और न ही तेजस्वी को हटाने की मांग करने के लिए चुना गया है?
उनका आरोप है कि केंद्र सरकार के इशारों पर सीबीआई ने जो उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, उनके पीछे केंद्र सरकार अपने हित साधना चाहती है. एक तो ऐसा करके नरेंद्र मोदी की लगातार आलोचना कर रहे लालू प्रसाद की आवाज दबाना और दूसरा, बिहार के महागठबंधन को खत्म करना चाहती है.
सीबीआई द्वारा दायर मामले में आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने एक खास उद्देश्य के तहत पटना में तीन एकड़ जमीन हासिल की थी. यह जमीन उनके बेटे तेजस्वी यादव, उनकी मां राबड़ी देवी और अन्य भाई-बहनों के नाम है. इस जमीन की कीमत इस समय करीब 90 करोड़ रुपये है. इस जमीन का ब्यौरा तेजस्वी ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को नहीं दिया था.
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