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18 नवंबर को करेंगे खेड़की टोल प्लाजा का चक्का जाम : मोर्चा

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बादशाहपुर, 26 सितम्बर (अजय) : 2018 से सेना में अहीर रेजिमेंट गठन को लेकर अहीरों ने आवाज उठाई और 4 फरवरी से निरंतर अहीरों ने अनिश्चितकालीन धरना खेड़की दौला टोल प्लाजा गुरुग्राम पर शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा हैं। जिसमें तमाम राजनीतिक व सामाजिक दलों ने हिस्सा लिया और सेना में गठन के लिए अहीर रेजिमेंट की मांग की। यह अहीर रेजिमेंट 2018 से प्रारंभ किया था। जो आज एक विशाल रूप ले चुका है। तमाम सरकार को पत्र और धरना प्रदर्शन रैलियों के माध्यम से तथा रोड प्रदर्शनों के माध्यम से भी सरकार को जगाने का काम अहिरों ने किया। अहीरों का कहना है देश की कुर्बानी में सबसे ज्यादा कुर्बानी देने वाले हैं तो वह अहिर है। इसलिए भारत सरकार से निरंतर अहीर मांग कर रहे हैं कि अन्य रेजिमेंटो की तरह अहीर रेजिमेंट का भी सेना में गठन हो और उन्हें मान सम्मान दिया जाए। जो लोग बॉर्डरों पर शहीद हो गए देश के लिए परंतु सरकार अपना तानाशाही रवैया अपनाए हुए अहीरों की तरफ अनदेखा कर रही है। समस्त देश के 36 करोड़ यादवों ने संकल्प ले रखा है कि यह धरना जब तक नही हटेगा जब तब अहीरों की मांग अहीर रेजिमेंट सेना में गठन न हो जाएगा। अहीर सब आक्रोश में है 7 महीना पुरे हो चुके धरना देते हुए परंतु सरकार ने कोई भी सुनवाई नहीं की है। अब अहीरों के आक्रोश से सरकार भी चिंतित है। इसलिए क्योंकि अहीरों ने 23 मार्च को एन.एच. 8 को चक्का जाम किया था, तब प्रशासनिक लोगों के पसीने छूट गए थे, अहीरों द्वारा 23 तारीख को जंतर मंतर की तरफ कूंच की थी तब सरकार ने उनका रूप देखा और उन्होंने चारों तरफ बेरियल लगा दिए। अहिरों को दिल्ली में अंदर जाने से रोका गया। इसी प्रकार से अहीरो ने पहले कई बार खेड़की दौला टोल प्लाजा को घंटो-घंटो के टुकड़े में फ्री कराया है। अब 18 नवंबर को अहीर लोग 36 बिरादरीओं के साथ नेशनल हाईवे एनएच 8 को बंद करेंगे। यह कहा जा रहा है कि चक्का जाम किया जाएगा। जिससे सरकार के कानों तक आवाज पहुंचे। संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा ने फैसला लिया है कि जल्द अब सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा मीटिंग में आए हुए लोगों के नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष परमवीर चक्र योगेंद्र यादव, अरुण यादव खेड़की दोला, शोचन्द सरपंच शिकोहपुर, गजराज सरपंच मानेसर, सतीश पार्षद नवादा, मनोज यादव, धर्म सिंह नंबरदार बादशाहपुर, मोनू खिड़की डोला, जगजीत बादशाहपुर, नरेश यादव रामपुरा, कवरलाल नखडोला, धर्मेंद्र मुल्हेड़ा, मनीष डूंडाहेड़ा, राजेश डूंडाहेड़ा, वीर बादशाहपुर, हरि सिंह थानेदार शिकोहपुर, मोनू सिकंदरपुर, लाला सिकंदरपुर, अनु यादव, अनु दिल्ली, सवाल राम, बलवान फौजी महेंद्रगढ़, रमेश रजोकरी, युद्धवीर कापासेड़ा, राजेंद्र फौजी झज्जर, वीर सिंह नवादा सहित आदि लोग मौजूद रहे।

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